फ्रांस में समलैंगिकों की शादी को वैध ठहराने वाले एक नए क़ानून के विरोध में दसियों हज़ार लोग राजधानी पेरिस की सड़कों पर उतर आए.


पुलिस का कहना है कि इस विरोध प्रदर्शन में क़रीब डेढ़ लाख लोगों ने हिस्सा लिया जबकि आयोजकों के मुताबिक 10 लाख लोग इस रैली में शामिल हुए.रैली के दौरान धुर दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं और दंगा पुलिस के बीच झड़पें भी हुईं जिसके बाद क़रीब 100 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. समलैंगिकों की शादी के विधेयक को राष्ट्रपति फ्रांस्वां ओलांद ने पिछले हफ्ते ही अपनी मंजूरी दी थी. इस क़ानून के तहत समलैंगिक जोड़ों द्वारा बच्चा गोद लिए जाने को भी क़ानूनी मान्यता प्रदान की गई है.बहसइस प्रस्तावित क़ानून को लेकर फ्रांस में पिछले कुछ महीनों में लंबी बहस होती रही है. फ्रांस के लोग इस मुद्दे पर बंटे हुए हैं. मंगलवार को एक धुर दक्षिणपंथी इतिहासकार नॉटरडैम कथिड्रल ने खुद को गोली मार कर जान दे दी. मृत्यु से पहले अपने संदेश में उन्होंने लिखा था कि वो समलैंगिकों की शादी के सख्त खिलाफ़ हैं.


रविवार को प्रदर्शन करनेवाले कुछ लोग गधों पर सवार होकर आए थे. उनमें से एक ने बोर्ड पर लिख रखा था, "मैं एक गधा हूं. मैंने ओलांद को वोट दिया था." देश की विपक्षी यूएमपी कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ज्यां फ्रांकोइस कोप ने भी एक विरोध जुलूस का नेतृत्व किया.

समलैंगिकों की शादी को क़ानूनी मान्यता देनेवाले क़ानून के विरोध में होनेवाले प्रदर्शनों को देखते हुए पेरिस में क़रीब 4,500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे लेकिन उसके बावजूद दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प की घटनाएं हुईं.मतविरोधयूएमपी के एक सांसद जैक मियर्ड ने बीबीसी को बताया कि सत्ताधारी दल ने ये क़ानून दबाव के बल पर बनाया है और उनकी अगर सत्ता में आती है तो इस क़ानून की समीक्षा करेगी.उन्होंने कहा, "समलैंगिकों की शादी के मुद्दे पर सरकार और नागरिकों के बीच भारी मतविरोध है. ये कुछ ऐसी बात है जिसका हम समर्थन नहीं कर सकते क्योंकि इससे बच्चों के भविष्य पर असर पड़ेगा."जैक मियर्ड ने कहा कि इन समलैंगिक शादियों की वजह से ऐसे हालात पैदा हो जाएंगे कि परिवारों में न तो कोई पिता होगा और न मां. फ्रांस यूरोप का नौवां और विश्व में 14वां ऐसा देश बन गया है जहां समलैंगिक शादी को क़ानूनी मान्यता प्रदान की गई है.

Posted By: Garima Shukla