पटना की अपनी रैली में नरेंद्र मोदी ने जहां केंद्र सरकार से लेकर नीतीश सरकार की आलोचना में दम लगा दिया. वहीं दिल्ली में पहली रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने अपना पूरा ध्यान दिल्ली सरकार की उपलब्धियों और कांग्रेस पार्टी के प्रयासों के बखान में लगाया.


राहुल का कहना था, "दिल्ली सरकार ने बहुत काम किया है और ये बात विपक्षी भी मानते हैं. कोई ये नहीं कह सकता कि दिल्ली में काम नहीं हुआ.''उन्होंने दिल्ली में फिर से कांग्रेस सरकार बनने का विश्वास जताते हुए कहा, "मैं सिर्फ़ ये कहना चाहता हूं कि ये काम चालू रखना है. दिल्ली में हम ही सरकार बनाएंगे. ग़रीबों और कमज़ोरों की सरकार फिर से बनेगी.एक कांग्रेसी वो है जो क़मज़ोर के साथ खड़ा है, जो उसके लिए लड़ाई लड़ रहा है और ये लड़ाई प्यार की है, ग़ुस्से की नहीं.''अधिकार और बुनियादी ढांचाकांग्रेस पार्टी को श्रेय देते हुए राहुल ने दावा किया, "कांग्रेस ने जनता को अधिकार दिए हैं, हम अधिकारों की बात करते हैं क्योंकि हम आपको शक्ति देना चाहते हैं. हमने आपको अधिकार दिए हैं क्योंकि हम चाहते हैं कि लोकसभा में आपकी आवाज़ गूंजे."


दिल्ली में अपनी पहली रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष बोले, "मैं चाहता हूं कि इस रैली में जो व्यक्ति सबसे पीछे खड़ा है वो हमारा झंडा बुलंद करे. उसे ऐसा लगे कि इस देश को मैं ही चलाता हूं."

राहुल ने एनडीए और यूपीए की तुलना करते हुए सवाल उठाया, "वो लोग कहते थे कि हम सड़कें बनाने पर ध्यान लगा रहे हैं. लेकिन कितनी सड़कें बनीं?"उन्होंने यूपीए के प्रदर्शन को बेहतर बताया और कहा, "यूपीए के कार्यकाल में तीन गुना ज़्यादा सड़कें बनीं हैं. हम बुनियादी ढांचे पर काम करते हैं, हम एयरपोर्ट बनाते हैं, हम यातायात और शिक्षा का बुनियादी ढांचा खड़ा करते हैं.’’राहुल गांधी का कहना था कि दिल्ली में बाहर से आने वाले लोगों का साथ दिल्ली सरकार ने लगातार दिया है.दिल्ली की जनता को उन्होंने शीला सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. उनका कहना था, "हमने शिक्षा के क्षेत्र में काम किया है. दिल्ली को शिक्षा का गढ़ बनाया है. पांच नए विश्वविद्यालय और पचास हज़ार नई सीटें आई हैं. इससे युवाओं को फ़ायदा हुआ है."राहुल गांधी ने ये कहा कि वे सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं और आम आदमी की शक्ति के बल पर आगे बढ़ना चाहते हैं.भाषण के अंत में उन्होंने रैली में आई महिलाओं का आह्वान किया कि वह लौटकर घर-घर में कांग्रेस की लड़ाई लड़ें.

Posted By: Subhesh Sharma