-कैंट स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में प्रोग्राम से रिजर्वेशन सेंटर रहा ठप

-किलेबंदी कैंपेन भी समय से पहले हुआ ठप

VARANASI: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की चौपाल से भले किसी को कोई राहत मिली हो लेकिन रेलवे व रेल पैसेंजर्स के लिए यह परेशानी का सबब ही रही। रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन के ब्8 घंटे का किलेबंदी अभियान ख्ब् घंटे में ही शनिवार की सुबह म् बजे सिमट गया। अभियान के नेतृत्व के लिए लखनऊ से आए डीसीएम वापस चले गए। इतना ही नहीं पैसेंजर्स भी रिजर्वेशन सेंटर में नहीं जा सके। फ‌र्स्ट शिफ्ट सुबह 8 से दोपहर ख् बजे तक रिजर्वेशन का काम पूरी तरह से ठप रहा।

ढाई लाख रुपये का लॉस

स्टेशन कैंपस में चौपाल के चलते रिजर्वेशन कार्य ठप रहने से रेलवे को लगभग ढाई लाख रुपए का लॉस हुआ। वहीं चौपाल के कारण किलेबंदी कैंपेन के ठप होने से भी रेलवे को लास हुआ। हालांकि इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। फिर भी एक्सपर्ट इसके पीछे भी लंबे लॉस का अनुमान लगा रहे हैं। राहुल की चौपाल दोपहर सवा दो बजे समाप्त हुई। इसके आधे घंटे बाद स्टेशन कैंपस में स्थिति सामान्य हुई। बता दें कि कैंट स्टेशन पर किलेबंदी अभियान में शुक्रवार को सवा लाख रुपये की वसूली की गई। वहीं राहुल की चौपाल के कारण सरकारी-गैर सरकारी वाहन स्टैंड भी खाली कराए गए थे। यहां भी राजस्व की क्षति बताई गई।

घट गयी सहभागिता

रिक्शा व आटो चालकों को आईडी प्रूफ पर चौपाल में सहभागिता करने की छूट मिली। चौपाल में लगभग चार सौ रिक्शा चालकों को भाग लेना था। आइडी प्रूफ के अभाव में केवल एक सौ रिक्शा चालक ही चौपाल में सहभागी बन सके, इनके अलावा कुछ ऑटो चालक भी थे। सभी को कड़ी जांच के बाद ही चौपाल में एंट्री मिल पाया। चौपाल को रिक्शा मय बनाने के लिए आसपास क्क् रिक्शे भी खड़े किए गए थे।

मीडिया को रखा गया दूर

राहुल गांधी की चौपाल से मीडिया को दूर रखा गया। चार पहिया वाहन स्टैंड से मीडिया आगे नहीं बढ़ सकी। वहीं से टीवी चैनलों के कैमरामैनों ने जूम लेंस के सहारे प्रोग्राम लाइव कराया। प्रिंट मीडिया के कैमरामैन व रिपोर्टर भी चौपाल से दूर रहे। चौपाल में क्या बातें हो रही थीं, कार्यकर्ताओं की नारेबाजी के चलते बहुत कम सुनाई दे रहा था।

Posted By: Inextlive