RANCHI: रांची रेलवे पुलिस के अनुसार, एक महीने में सात-आठ लोगों को रेलवे नियम तोड़ने पर जुर्माना लगाया गया। जबकि हकीकत यह है कि हर महीने हजारों लोग नियमों को ताक पर रेलवे ट्रैक धड़ल्ले से पार कर रहे हैं और अपनी सुरक्षा को लेकर खुद सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं, रेलवे के आंकड़ों से स्पष्ट है कि यहां जमकर नियमों की धज्जियां उड़ाई कोई कार्रवाई करने वाला नहीं है। ऐसे में भला हादसों को कौन रोक सकता है? रेलवे ही नहीं यहां तो ट्रैक क्रॉस करने वाले लोग भी लापरवाही के साथ अपनी जान को खतरा पैदा कर रहे हैं।

ताक पर रेलवे नियम

रेल विभाग के निर्देश पर आरपीएफ और रांची रेल मंडल के लाख प्रयास के बावजूद रेल यात्री सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। आलम यह है कि पैसेंजर्स बेखौफ होकर नियमों को ठेंगा दिखाते हुए रेल लाइन पार कर अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हैं। रांची रेलवे स्टेशन पर रेल ट्रैक पार करते समय कई हादसे हो चुके हैं, मामला दुर्घटना का हो या जान- बूझ कर मौत को गले लगाने का। जिस कदर रेलवे ट्रैक पर मौत हो रही है, वह चिंता का विषय है।

जागरूकता अभियान फेल

रेलवे व आरपीएफ पैसेंजर्स को रेल ट्रैक न पार करने के प्रति अवेयर करते हुए मुहिम चलाते रहते हैं। लेकिन रेलवे लाइन पार करनेवाले यात्रियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि रेलवे की ओर से चलाया गया रोड सेफ्टी अवेयरनेस कैंपेन भी फेल कर देते हैं। इस अभियान का असर दो-चार दिनों तक दिखाई देता है। लेकिन स्थिति दोबारा पहले जैसी हो जाती है। वैसे आरपीएफ और रेलवे की ओर से चलाये गये रोड सेफ्टी अवेयरनेस कैंपेन के दौरान रांची और आसपास के स्टेशनों पर रेलवे ट्रैक पार करते हुए कई यात्रियों को पकड़ा गया।

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क्या है सजा का प्रावधान

रेलवे ट्रैक पार करने पर रेलवे एक्ट की धारा 147 के तहत मामला दर्ज किया जाता है। इतना ही नहीं, इस जुर्म में संबंधित व्यक्ति को छह महीने की सजा और एक हजार रुपए तक के जुर्माना का प्रावधान भी है। रेलवे ट्रैक पार न करने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है। इतना ही नहीं, रेलवे की ओर से रोजाना ट्रैक पार न करने की अनाउंसमेंट भी की जाती है। इसके अलावा स्टेशनों पर होर्डिंग्स लगा कर यात्रियों को जागरूक किया जाता है।

पार्सल ढुलाई में भी मनमानी

रांची रेलवे स्टेशन के विभिन्न पार्सल वैन से उतरे दर्जनों लगेज को उठा कर ब्रिज की सीढि़यों से पार्सल कार्यालय ले जाने में कर्मियों को परेशानी हो, इसके लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रैंप ब्रिज बनाया गया। फि र भी रेलवे के नियम को धत्ता बताते हुए कर्मी लगेज ट्रॉली में चढ़ा कर धकेलते हुए रैंप ब्रिज के माध्यम से पार्सल कार्यालय ले जाने की बजाय रेलवे ट्रैक पार कर एक प्लेटफ ॉर्म से दूसरे प्लेटफ ॉर्म पर ले जाते हैं। थोड़ी मेहनत से बचने के लिए कर्मी जान जोखिम में डाल कर कानून को तोड़ते हुए रेलवे ट्रैक से रोजाना दर्जनों लगेज ले जाते हैं। कोई ट्रेन गई या फि र मालगाड़ी अचानक खुल गई तो जान जा सकती है।

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मानव रहित फाटक पार करने के नियम

धारा 161 भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 में है कि मानव रहित फ ाटक बिना रुके पार करना दंडनीय अपराध है। इसके लिए वाहन चलाने वाले या उसे ले जाने वाले व्यक्ति को एक वर्ष के कारावास की सजा भी हो सकती है। इसके बावजूद रांची के जितने भी मानव रहित फाटक है, वहां लोग धड़ल्ले से क्रासिंग करते हैं।

वर्जन

रांची रेल मंडल में रेलवे ट्रैक को पार करने वाले लोगों पर कार्रवाई भी की जाती है। जुर्माना वसूल कर उन्हें छोड़ा जाता है।

-अमिताभ आनंद, इंस्पेक्टर, रेलवे पुलिस फोर्स

Posted By: Inextlive