तिरंगा फहराने को केंद्रीय विद्यालय तैयार
- प्रिंसिपल्स मान रहे हैं कि तिरंगा फहराने के साथ ही आवश्यक है वैल्यू एजुकेशन
प्रिंसिपल्स मान रहे हैं कि तिरंगा फहराने के साथ ही आवश्यक है वैल्यू एजुकेशन Meerut Meerut : सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज व स्कूल्स में सरकार द्वारा तिरंगा फहराने की दी गई एडवाइस को स्कूलों ने भी मान लिया है। सिटी के केंद्रीय विद्यालयों में भी तिरंगा फहराने की तैयारी शुरू हो गई है। वहीं सीबीएसई, आईसीएसई और यूपी बोर्ड के प्रिंसिपल्स मान रहे हैं तिरंगे का सम्मान जरुरी है। प्रिंसिपल्स के अनुसार केवल तिरंगा फहराना ही नहीं बल्कि उसके महत्व के बारे में जानकारी होना भी बहुत आवश्यक है। स्कूलों में पूरी है तैयारीध्यान रहे कि पिछले दिनों जेएनयू प्रकरण के बाद केंद्रीय विश्वविद्यालयों तथा स्कूलों में नियमित रूप से तिरंगा लहराने के निर्देश दिए गए हैं। मेरठ में केंद्रीय विश्वविद्यालय तो नहीं है, लेकिन तीन केंद्रीय स्कूल जरूर संचालित किए जा रहे हैं। डोगरा लाइंस, पंजाब लाइंस और सिख लाइंस। इनमें नियमित रूप से तिरंगा फहराने की पूरी तैयारी की गई है। केवी सिख लाइन में इसके लिए अलग से एक स्टेज तैयार किया गया है, वहीं केवी पंजाब लाइंस में तो इस कवायद को शुरू हुए पांच दिन हो चुके हैं। केवी डोगरा में भी तिरंगा फहराने की पूरी तैयारी हो गई है।
शहीदों की जानकारी दें प्रिंसिपल्स मान रहे हैं कि केवल तिरंगा फहराने से काम नहीं चलने वाला है, बल्कि इस बारे में स्टूडेंट्स जानकारी देना व तिरंगे का महत्व बताने की भी आवश्यकता है। प्रिंसिपल्स का मानना है कि हमें इसके साथ ही बच्चों को देश की क्रांतिधराओ, क्रांतिवीरों और देश पर न्योछावर हुए शहीदों के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए। कई स्कूलों में हलचल केंद्रीय स्कूलों में नियमित रूप से तिरंगा फहराने के निर्देश दिए जाने के बाद सीबीएसई, आईसीएसई स्कूलों में हलचल शुरू हो गई है, वहीं यूपी बोर्ड के स्कूल निश्चिंत हैं कि उनके पास ऐसा कोई निर्देश नहीं आने वाला है। मेरठ में सीबीएसई, आईसीएसई के सौ से अधिक स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। स्कूल प्रबंधकों का मानना है कि अगर उनके पास इस तरह के निर्देश आते हैं तो उन्हें भी इसके इंतजाम करने पड़ेंगे, लेकिन ऐसा करना आसान नहीं होगा। हमारे स्कूल में तो एक अलग से स्टेज तैयार करवाया गया है। जहां पर तिरंगा फहराया जाएगा। इसके साथ ही बच्चों को तिरंगे का महत्व भी बताया जाएगा। -डॉ। धर्मवीर दिवाकर, पि्रंसिपल, केवी सिख लाइंसहमारे स्कूल में कुछ दिन पहले से ही तैयारी शुरू हो गई है। तिरंगा फहराने के साथ ही बकायदा उसके बारे में बच्चों को जानकारी भी दी जाती है।
-आरके शर्मा, प्रिंसिपल, केवी पंजाब लाइंस सीबीएसई में इस तरह का सर्कुलर नहीं आया है, लेकिन मेरा मानना है कि ऐसा हर स्कूल में व हर संस्थान में होना चाहिए। इसके अलावा स्टूडेंट को वैल्यू एजुकेशन देना भी बहुत जरुरी है। -राहुल केसरवानी, सहोदय सचिव झंडा फहराने का तरीका -जब भी झंडा फहराया जाए तो उसे सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए। उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहां से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे। -सरकारी भवन पर झंडा रविवार और अन्य छुट्?टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता है, विशेष अवसरों पर इसे रात को भी फहराया जा सकता है। -झंडे को सदा स्फूर्ति से फहराया जाए और धीरे-धीरे आदर के साथ उतारा जाए। फहराते और उतारते समय बिगुल बजाया जाता है तो इस बात का ध्यान रखा जाए कि झंडे को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए।-जब झंडा किसी भवन की खिड़की, बालकनी या अगले हिस्से से आड़ा या तिरछा फहराया जाए तो झंडे को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए।
-झंडे का प्रदर्शन सभा मंच पर किया जाता है तो उसे इस प्रकार फहराया जाएगा कि जब वक्ता का मुंह श्रोताओं की ओर हो तो झंडा उनके दाहिने ओर हो। -झंडा किसी अधिकारी की गाड़ी पर लगाया जाए तो उसे सामने की ओर बीचोंबीच या कार के दाईं ओर लगाया जाए। -फटा या मैला झंडा नहीं फहराया जाता है। -झंडा केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है। -किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय झंडे से ऊँचा या ऊपर नहीं लगाया जाएगा, न ही बराबर में रखा जाएगा। -झंडे पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए। -जब झंडा फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकांत में पूरा नष्ट किया जाए।