Man and machine: A romantic tale
‘It’s like my baby’जब हमने उत्तम मुखर्जी का नंबर डायल किया तो पता चला कि वह अभी-अभी अपनी हार्ले डेविडसन बाइक से 700 किमी. लम्बा सफर तय करके बनारस से कोलकाता पहुंचे हैं. 50 की उम्र और 700 किमी. की बाइक राइडिंग, आखिर क्या बात है हार्ले डेविडसन में जिसने उत्तम को इतने लम्बी बाइक राइडिंग के लिए इंस्पायर किया. उत्तम बता रहे हैं अपना एक्सपीरियंस...मुझे यकीन नहीं होता कि बनारस से कोलकाता का 700 किमी का लम्बा सफर इतने आराम से कट गया. इस लम्बी जर्नी के बाद भी मुझे उतनी थकान महसूस नहीं हो रही है जितनी नॉर्मली होनी चाहिए. हार्ले की खासियत ही यही है कि यह एक बेहद कंफर्टेबल बाइक है और उसे चलाने का एक्सपीरियंस किसी और बाइक में नहीं हो सकता. इसे मेंटेनेंस की भी बहुत कम जरूरत पड़ती है.
दरअसल, हार्ले डेविडसन का नाम ही सबकुछ कह देता है. मैंने इसे पिछले साल ही खरीदा है. इसके नाम से तो मैं पहले से ही इंप्रेस्ड था पर परफॉर्मेंस के मामले में यह मेरे एक्सपेक्टेशंस से कहीं बेहतर निकली.
मेरे हिसाब से तो अगर क्रूज लाइक एक्सपीरियंस अगर किसी बाइक में है तो वह है हार्ले डेविडसन. मैं अपनी बाइक को लेकर इतना पजेसिव हूं कि इसे किसी को छूने भी नहीं देता. आपको बताना चाहूंगा कि इसे चलाने का सपना मैंने बचपन से ही देखा पर पैसे ना होने की वजह से मैं इसे ले नहीं पाया. लेकिन जैसे ही सब कुछ ठीक हुआ, मैंने झट से यह खरीद ली. अब तो मैं अपने दो और दोस्तों के साथ जिनके पास भी यही बाइक है, हार्ले का गैंग बनाकर पूरे बनारस में घूमता हूं. Uttam Mukherjee, 50 Businessman, VaranasiBike - Harley Davidson‘My best companion in jungle safari’
इस जर्मन मिड-साइज्ड क्रॉसओवर एसयूवी कार का सबसे बेस्ट फीचर है इसका हाइड्रोलिक सस्पेंशन जो कि इंडियन रोड्स पर चलना ईजी और कंफर्टेबल बना देता है. ग्राउंड क्लीयरेंस की अगर बात करें तो उबड़-खाबड़ सडक़ों पर चलते वक्त इसका चेचिस आसानी से ऊपर किया जा सकता है जो कि ग्राउंड क्लीयरेंस का लेवेल बढ़ा देता है. मैं इस कार को दस में दस माक्र्स दूंगा. मैं तो लोगों से भी यही कहूंगा कि अगर एसयूवी खरीदनी ही हो तो टुअरेग ही लेनी चाहिए. अहमद अभी तक अपनी कार से पूरी तरह से सैटिस्फाइड हैं पर फ्यूचर में वह ऑडी-क्यू 7 लेना चाहते हैं. Ahmad Kamal Khan, 38,Businessman, Lucknow Car - Volkswagen- Touareg‘Audi gives me immense pleasure’
Share broker, KanpurCar - Audi-A4
जब दोस्तों के साथ बाइक से लेह-लद्दाख जाने का प्लान पक्का हो गया तो मैं बहुत एक्साइटेड था. मैंने सुन रखा था कि लेह-लद्दाख जाने का रास्ता बहुत टफ है, अनसर्टेन वेदर कंडीशंस, ना के बराबर रोड्स और गहरी खाइयां. पर मनाली पहुंचते ही जब हमने अपने सामने शाइन करती रॉयल एनफील्ड बुलेट्स देखीं तो मेरे खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मनाली से लद्दाख की दूरी लगभग 400 किमी है, हम मनाली से 80 किमी दूर रोहतांग पास तक पहुंचे ही थे कि स्नोफॉल शुरू हो गया जिसके चलते रोड़ भी स्लिपरी हो गई. कुछ दूरी तय करने के बाद मौसम साफ हो गया और हमारी आंखों के सामने हिमालयन माउंटेन रेंज की खूबसूरती थी. रॉयल एनफील्ड की आवाज जैसे पहाड़ों से टकरा कर हवा में चारों ओर घूम रही थी. हालांकि हेवी स्नोफॉल के चलते इस रूट पर रोड्स थोड़ी खराब होती हैं पर हमारी बाइक्स ने हमें यह महसूस नहीं होने दिया. रास्ते में कुछ छोटे नाले हैं जो गहरे तो नहीं होते पर वहां पानी का फ्लो काफी तेज होता है, पर हमारी एनफील्ड उन्हें आराम से क्रॉस कर गई. जितना वक्त मैं इस बाइक पर बिता रहा था, मुझे इससे उतना ही प्यार होता जा रहा था. मैंने डिसाइड कर लिया था कि जल्द ही मैं एक रॉयल एनफील्ड खरीदूंगा और अगली लद्दाख ट्रिप खुद की रॉयल एनफील्ड से ही करूंगा. Angad Singh, 24Businessman Lucknow,Bike - Royal Enfield