-एजेंसी ने मांगी परीक्षा नियंत्रक से साक्ष्य की जानकारी

-दो महीने बीतने के बाद भी नहीं मिला एजेंसी को प्रमाण

आगरा। डॉ.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में एक के बाद एक फर्जीवाड़ा निकलकर सामने आ रहा है। इस बार एजेंसी ने विवि अधिकारियों पर अव्यवस्था बनाए रखने का आरोप लगाया है। रिकॉर्ड देने के लिए विवि अधिकारी टालमटोल कर रहे हैं। डॉ.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में वर्ष 2014-15 में छह लाख से अधिक विद्यार्थियों का रिजल्ट तैयार करने के लिए नई एजेंसी को कॉन्ट्रेक्ट दिया था। एजेंसी के मैनेजिंग डायरेक्टर डेविड डेनियल का कहना है कि एजेंसी द्वारा रिजल्ट समय तैयार कर लिया गया। जिसमें से 7932 छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग हैं। एजेंसी का दावा है कि इस संबंध में कई बार विवि अधिकारियों को अवगत कराया गया है। विवि और कॉलेज संचालकों की लापरवाही से छात्रों का भविष्य अधर में है।

विवि अधिकारियों पर नहीं जवाब

एजेंसी द्वारा दो महीने पूर्व विवि के अधिकारियों को अवगत कराया गया कि 7932 छात्रों का रिजल्ट अभी एजेंसी के पास है। इस संबंध में विवि अधिकारियों से उक्त छात्रों का रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। इस प्रकरण से कुलपति एम। मुजम्मिल को अवगत कराया गया। उन्होंने दो मई को परीक्षा नियंत्रक केएन सिंह को उक्त छात्रों का रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के आदेश दिए, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

निजी कॉलेजों से भी मांगी जानकारी

एजेंसी ने विवि अधिकारियों द्वारा टालमटोल करने पर संबंधित कॉलेजों से भी उक्त विद्यार्थियों के बारे में जानकारी ली। लेकिन उनके द्वारा भी कोई ठोस सबूत प्रस्तुत नहीं किए गए। इस पर एजेंसी के बीच असमंजस की स्थिति बनी है। विवि अधिकारी और कॉलेज संचालकों की लापरवाही से 7932 छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग हैं।

रिकॉर्ड बनाने की तैयारी तो नहीं

विवि में 7932 छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग चर्चा का विषय बना है। इस संबंध में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहें हैं। वहीं विवि सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2005 में करीब 9 हजार में से पांच हजार मार्कशीट जेनरेट की गई थीं। इसी तरह वर्ष 2007 से 09 में करीब 25 हजार बीएड की मार्कशीट तैयार की गई। इसकी जांच एसआईटी द्वारा की जा रही है। बताया गया है यूपी के कई जनपदों में फर्जी मार्कशीट से शिक्षक-शिक्षिकाएं तैनाती पा चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि विवि द्वारा उक्त विद्यार्थियों के रिकॉर्ड में टालमटोल कहीं रिकॉर्ड तैयार करने की साजिश तो नहीं है। इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक से बात करने का प्रयास किया गया था।

Posted By: Inextlive