कोरोना की मार के बाद एक बार फिर सोने का व्यापार पनपने लगा है. अगर सरकार चाहे तो यह कारोबार अधिक बुलंदियों को छू सकता है. कारोबारियों की माने तो इस व्यवसाय में काफी परेशानियां हैं और इसी कारण से व्यापार में पहले जैसी दमक नजर नहीं आ रही है. उन्होंने कस्टम ड्यूटी में पांच फीसदी की राहत दिए जाने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने वित्तमंत्री से भी गुहार लगाई है.

प्रयागराज ब्यूरो । व्यापारियों का कहना है कि सोने पर 15.5 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगती है. इसे पांच फीसदी कम कर दिया जाए. सरकार इस ओर ध्यान दे तो ज्वैलरी के बिजनेस को आक्सीजन मिल सकती है. एग्जाम्पल के तौर पर व्यापारी कहते हैं कि जिस तरह दुबई से सीईपीए के तहत गोल्ड पर एक प्रतिशत कस्टम ड्यूटी कम लगती है, उसी तरह भारतीय गोल्ड रिफाइनर पर भी एक फीसदी कम ड्यूटी लगाई जानी चाहिए.
पूरे प्रदेश को राहत की दरकार
सरकार अगर पांच फीसदी कस्टम ड्यूटी कम करती है तो इससे केवल प्रयागराज ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के बारह हजार कारोबारियों को राहत मिलेगी. इनसे जुड़े डेढ़ लाख कामगार भी लाभ उठा सकेंगे. व्यापारियों का कहना है कि सरकार को इस बार बजट में सराफा व्यापारियों के लिए मदद और राहत के विश्ेाष प्रावधान लाने चाहिए. क्योंकि कोरोना काल के बाद कारोबार को फिर से पनपने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
कारोबारियों की केंद्र सरकार से मांग
- स्पाट गोल्ड एक्सचेंज की स्थापना इसलिए नही हो रही है क्योंकि जीएसटी काउंसिल ने इलेक्ट्रानिक गोल्ड रिसिप्ट के लिए जीएसटी रिफंड कानन अभी तक नही बनाया है. इसके लिए जल्द कानून लाया जाए.
- उप्र प्रदेश में खनिज संपदा बड़ी मात्रा में मौजूद है. सोनभद्र आदि में बहुत मात्रा में खनिज संपदा है. सरकार को गोल्ड माइनिंग के लिए पहल करनी चाहिए.
- जेम एंड ज्वैलरी पर विस्तृत पालिसी बननी चाहिए ताकि इस सेक्टर में रोजगार बढ़े. इसे लेकर कामगारों के लिए नियम व कानून बनने चाहिए. ताकि उन्हे एक आदर्श स्थिति में लाया जा सके.
- सराफा कारोबारियों को सोना किराए और लोन पर प्राइवेट पार्टी से लेने की अनूुमति मिलनी चाहिए.
- टैरिफ वैल्यू ड्यूटी की जगह सोने के आयात पर रियल टाइम ड्यूटी लगनी चाहिए.
- गोल्ड मेटल लोन की व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय गोल्ड एक्सचेंज पर भी होनी चाहिए.
- अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज पर गोल्ड आयात करने से कुछ इंसेंटिव मिलना चाहिए.
- सोवरिन गोल्ड बांड फिर से शुरू करना चाहिए.
- डिजिटल गाल्ेड के लिए रेगुलेटर नियुक्त होना चाहिए.
सरकार के तमाम वादे अभी पूरे नहीं हुए हैं. तमाम कानूनों को क्लब करके सरकार को एक सिंगल विंडो सिस्टम लाना चाहिए. ताकि जीएसटी की तरह सराफा व्यापारियों को राहत मिले.
दिनेश सिंह, अध्यक्ष, प्रयाग सराफा व्यापार मंडल

सोने पर लगाई जाने वाली ड्यूटी कम की जानी चाहिए. इससे सराफा व्यापारियों को प्रोत्साहन मिलेगा. सोने और चांदी की स्मगलिंग पर भी रोक लग जाएगी.
निखिल यादव, सराफा व्यापारी

जीएसटी नियम में समानता नहीं है. अगर हम पंजीकृत कारीगर से आभूषण का निर्माण कराते हैं तो मजदूरी पर पांच फीसदी जीएसटी है. और ग्राहक पुराने से नया आभूषण बनवाता है तो 18 फीसदी जीएसटी है. इससे असुविधा होती है.
राहुल महेंद्र, सराफा व्यापारी

व्यापारियों को जीएसटी को लेकर काफी दिक्कते हैं. इसका सरलीकरण किया जाना चाहिए. जब हमसे जीएसटी लिया जा रहा है तो टीसीएस टैक्स किसलिए वसूला जा रहा है. जीएसटी की विसंगतियां दूर हों.
अमित गुप्ता, सराफा व्यापारी

Posted By: Prayagraj Desk