ये शहर तो हादसों का शहर है
- प्रशासन की ओर से हादसों को रोकने के लिए शुरू की गई ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने की कवायद
- बनारस में हर दिन होता है एक हादसा, ग्रामीण और शहर दोनों जगहों पर दर्जनों ब्लैक स्पॉट 1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढयहां रोज-रोज हर मोड़ पर होता है कोई न कोई हादसा। ये भले ही एक गाने की लाइन हो लेकिन ये लाइन अपने शहर बनारस पर बिल्कुल सटीक बैठती है। वजह बनारस धर्म की नगरी के साथ हादसों का शहर भी बनता जा रहा है। ये हम नहीं बल्कि खुद जिला प्रशासन मानने लगा है। तभी तो डीएम साहब ने सभी थानेदारों और तहसीलदारों को शहर में बढ़ रहे हादसों को रोकने के लिए उनके क्षेत्र में मौजूद ब्लैक स्पॉट यानि हादसों के लिए डैंजर जोन को चिन्हित कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। ये काम तो चलता रहेगा लेकिन हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि अपना शहर हादसों के मामले में कहीं से कमजोर नहीं है। दिल्ली मुम्बई की तरह बनारस में भी डेली एक हादसा होता है और हफ्ते में कम से दो जानें तो जाती ही जाती हैं।
जोड़ते हैं कई रास्तों कोवाराणसी के विकास में सड़कों का भले अहम योगदान हो लेकिन आज इनकी पहचान जानलेवा सड़कों के रूप में होने लगी है। इन सड़कों पर प्रतिदिन औसतन एक जानलेवा दुर्घटना होती है। घायलों की संख्या मरने वालों से भी ज्यादा है। शहर से छह हाईवे इलाहाबाद, लखनऊ, आजमगढ़, गाजीपुर, मिर्जापुर और बिहार को जोड़ते हैं। यहीं से बौद्ध परिपथ भी गुजरता है जो कुशीनगर, श्रावस्ती, गया, कौशाम्बी को जोड़ता है। जिसके कारण यहां ट्रैफिक का लोड हमेशा बना रहता है।
डेली होता है एक हादसा - पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक बनारस में डेली एक दुर्घटना होती है। - वर्ष 2013 में यहां हादसों में 378 मौत हुई थीं - जबकि यह आंकड़ा वर्ष 2014 में बढ़कर 413 हो गया - 2013 में जहां 757 लोग हादसों में घायल हुए थे - वहीं 2014 में ये आंकड़ा भी 887 पहुंच गया। - 2015 में भी सड़क हादसों में 350 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं जबकि 650 से ज्यादा घायल हुए हैं - पुलिस का कहना है कि इसमें ज्यादातर दोपहिया सवार और साइकिल सवारों की मौत हुई है राजमार्गवार दुर्घटनाओं में गई जान मार्ग वर्ष 2013 2014 इलाहाबाद मार्ग 136 143गाजीपुर मार्ग 91 98
जौनपुर मार्ग 77 83 आजमगढ़ मार्ग 33 39 चंदौली मार्ग 27 33 मीरजापुर मार्ग 14 17 दुर्घटना में घायल लोगों की संख्या मार्ग वर्ष 2013 2014 इलाहाबाद मार्ग 213 233 गाजीपुर मार्ग 145 178 जौनपुर मार्ग 133 151 आजमगढ़ मार्ग 33 54 चंदौली मार्ग 45 47 मीरजापुर मार्ग 44 67शहर में 144 157
हाईवे पर यहां चलना बचकर - कुछ सालों में सर्वाधिक दुर्घटना जौनपुर रोड पर तरना पुल, हरहुआ व बाबतपुर के पास हुई - आजमगढ़ रोड पर बड़ा लालपुर, चोलापुर व दानगंज में हादसे सबसे ज्यादा होते हैं - गाजीपुर मार्ग पर चौबेपुर, आशापुर व डुबकियां डेंजर जोन है - इलाहाबाद मार्ग पर मोहनसराय, डाफी, अमरा हादसों के पॉइंट हैं - चंदौली रोड पर रामनगर व मुगलसराय में हादसे ज्यादा होते हैं - मिर्जापुर रोड पर टेंगरा मोड़ व नरायनपुर में सर्वाधिक दुर्घटनाएं होती हैं - जबकि शहर में पांडेयपुर फ्लाई ओवर, पहडि़या, महमूरगंज, लहरतारा पुल, गिलट बाजार, चौकाघाट, गोलगड्डा, सुंदरपुर आदि क्षेत्र में आए दिन हादसे होते रहते हैं