राज्‍य सभा में मंगलवार को भी जुवेनाइल जस्टिस बिल पर पूरे दिन हंगामा चलता रहा । यह तब हुआ जब बिल राज्‍य सभा में पास करने के लिए पेश किया गया। चर्चा के दौरान कांग्रेस मंत्री गुलाम नवी आजाद ने कहा कि नाबालिग की उम्र को लेकर एक राय नहीं है। पर हमे इस बात पर भी ध्‍यान देना होगा कि अपराधी नाबालिगों का गलत इस्‍तेमाल न कर सकें। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा यह बोर्ड तय करेगा कि अपराध के समय नाबालिक की मानसिक स्थिती बालपन की थी य वयस्‍क की।


जेजेबी में सुधार की जरूरत आजाद ने कहा कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को और अधिकर देने चाहिए। उन्होंने जेलों में सुधार की वकालत करते हुए कहा जेल में अपराधियों को शिक्षित करने भी एक अच्छे सिस्टम का हिस्सा है। इससे उन्हें अपनी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद मिलेगी। क्या है जुवेनाइल जस्टिस बिल 2014 में नाबालिगो के खिलाफ 38 हजार से भी अधिक अपराधिक मामले दर्ज किए गए। नाबालिग की उम्र बदले की कितनी जरूरत है यह इसी से पता चलता है। यह जानकारी गृह राज्य मंत्री ने लोक सभा में दी। इनमे से 56 फीसदी मामले उन नाबालिगों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं जिनके परिवार की मासिक आए 25 हजार रूपये तक है। मेरी बेटी होती तो अपराधियों को मार देता गोली


तृणमूल के सांसद डेरेक ब्रउन ने कहा कि भगवान न करे कि वो मेरी बेटी होती क्यो कि अगर ऐसा होता तो मै सर्व श्रेष्ठ वकील को हायर करता य बंदूक निकालता और दोषियों को गोली मार कर उनकी जान ले लेता । ब्रायन ने कहा कि मैं इस बिल का समर्थन करता हूं ये अच्छा बिल है। पर एक आदर्श बिल के लिए हम अनिश्चत काल तक इंतराज नहीं कर सकते हैं।

रिकार्ड से हटाई गई राउत की टिप्पणी

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि जब दाउद इब्राहिम ने मुबंई में पहला अपराध किया था उस समय उसकी उम्र मात्र 16 साल थी। आज देखिए दाउद कहा पहुंच गया है। उन्होंने यह भी कहा कि हम सब ने एक बार और निर्भया के साथ दुष्कर्म किया है। सदन के इस टिप्पणी पर आपत्ति जताने पर संजय राउत ने उसे वापस ले लिया और टिप्पण्ाी को रिकार्ड से हटा दिया गया। निर्भया के माता पिता रहे मौजूद निर्भया के माता पिता भी राज्य सभा में जुवेनाइल बिल की बहस के दौरान मौजूद रहे। इससे पहले वह संसदीय कार्यराज्य  मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से भी मिले। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि अब यह बिल संसद से पास हो जाएगा । निर्भया की मां ने पहले ही कहा था कि अब हमारी लड़ाई कानून में बदलाव लाने की है।

Posted By: Prabha Punj Mishra