स्मार्टफ़ोन की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी सैमसंग की बहुप्रतीक्षित स्मार्टवॉच आखिरकार दुनिया के सामने आ ही गई है.


इस कलाई घड़ी में एक रंगीन स्क्रीन है जो तमाम तरह के एलर्ट्स दिखा सकती है, वॉयस कॉल के लिए इस्तेमाल की जा सकती है और ऐप्स भी चला सकती है.दुनिया भर में तकनीक के चाहने वाले ' गैलेक्सी गियर' की लंबे अरसे से प्रतीक्षा कर रहे थे. सैमसंग ने अपनी बढ़त को बनाए रखते हुए स्मार्ट वॉच की दौड़ में माइक्रोसॉफ्ट, ऐपल और गूगल को पीछे छोड़ अपनी घड़ी बाज़ार में उतार दी है.सैमसंग ने इस घड़ी को "फ़ैशन आइकॉन" कहा है.हालाँकि इस घड़ी के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि सैमसंग ने इस घड़ी को केवल अपने गैलेक्सी सिरीज़ के एंड्रायड फ़ोन और टैबलेट तक सीमित रख कर इसकी अपील को सीमित कर दिया है.


सैमसंग पहले कह चुका है कि स्मार्टफ़ोन की बिक्री की रफ़्तार में कमी आने के बाद से इसके निवेशक कोई और ऐसा उत्पाद देखना चाहते हैं जो एकदम चमक उठे.बर्लिंन के मशहूर आईएफ़ए कंज्यूमर टेक शो में प्रदर्शित की गई यह घड़ी बाज़ार में 25 सितंबर से उपलब्ध होगी.स्मार्टवॉच की सीमाएं

तकनीक और बाज़ार के जानकार कहते हैं कि ना सैमसंग ना ही सोनी की समार्ट वॉच कोई क्रांतीकारी यंत्र है जो कि स्मार्ट वॉच को मुख्यधारा का यंत्र बना देलेकिन सारा आगे यह भी जोड़ती हैं कि हो सकता है सैमसंग सबको गलत साबित करते दे जैसा उसने गैलेक्सी नोट के साथ किया था. नोट के पहले सभी पांच इंच के फ़ोन फेल हो चुके थे.


आरंभ में इस घड़ी में 10 टाइम ऑप्शन और करीब 70 ऐप्स उपलब्ध होंगे.तकनीकी सलाह देने वाली कंपनी गार्टनर का कहना है कि पहने जा सकने वाले कंप्यूटर से यंत्र जैसे  गूगल ग्लास का बाज़ार साल 2016 तक दस अरब डॉलर या 67 हज़ार करोड़ रुपयों से ज़्यादा का होगा.तकनीकी सलाह देने वाली एक दूसरी कंपनी कैनालिस का अनुमान है कि साल 2014 में 50 लाख स्मार्ट वॉच बेचे जाने की संभावना है.पर सच्चाई यह है कि दुनिया में किसी को भी ठोस तरह से यह नहीं पता कि इस तरह की घड़ियों की मांग सही में कितनी होगी.तकनीक और बाज़ार के जानकार कहते हैं कि ना सैमसंग ना ही सोनी की समार्ट वॉच कोई क्रांतीकारी यंत्र है जो स्मार्ट वॉच को मुख्यधारा का यंत्र बना दे.बाज़ार का शोध करने वाली संस्था फ़ॉरेस्टर की सारा रोट्समैन कहती हैं, "ऐसे चंद ही काम होंगे जो आप घड़ी पर फ़ोन की तुलना में ज़्यादा बेहतर ढंग से कर सकते हैं." Posted By: Satyendra Kumar Singh