Gorakhpur : व्यापारी अपने मुनाफे के लिए लाइफ सेविंग ड्रग्स को मुनाफे के लिए यूज कर रहे हैं. सिटी में सब्जी का कारोबार करने वाले व्यापारी ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में सब्जियों को समय से पहले ही जवान कर दे रहे हैं. यहां बात हो रही है आक्सीटोसिन इंजेक्शन की. आमतौर पर प्रेग्नेंट लेडीज की डिलीवरी आसान करने और उनका जीवन बचाने के लिए डॉक्टर इसका यूज करते हैं. लेकिन अधिक मुनाफे के फेर में व्यापारी बिना किसी रोक टोक के इसका यूज वेजीटेबल मिल्क के साथ कई फूड मैटेरियल में कर रहे है जो लेडीज के साथ जेंट्स की इनफर्टिलिटी कम कर रहा है. साथ ही किडनी और लीवर भी डैेमेज कर रहा है. सिटी में बढ़ रहे इनफर्टिलिटी मरीजों में बीमारी का मेन रीजन ये इंजेक्शन ही है.


वेजीटेबल पर मिसयूज


प्रेग्नेंसी में लाइफ सेक्योर करने के लिए डॉक्टर अक्सर आक्सीटोसिन इंजेक्शन का यूज करते है। इससे लेबर पेन स्टार्ट हो जाता है। यह इंजेक्शन अक्सर उन महिलाओं पर यूज किया जाता है, जिन्हें टाइम पूरा होने के बावजूद लेबर पेन नहीं होता। इस इंजेक्शन के बाद डिलीवरी आसानी हो जाती है और वूमेंस की लाइफ को भी कोई खतरा नहीं होता। जेनेरिक इंजेक्शन होने की वजह से यह काफी सस्ता है। मगर अब इस इंजेक्शन का यूज डिलीवरी पेन के अलावा वेजीटेबल पर भी किया जा रहा है। अधिक प्रॉफिट लेने के चक्कर में कुछ व्यापारी इस इंजेक्शन का यूज सब्जियों की फसल पर कर रहे है। क्योंकि इंजेक्शन लगने के बाद महीनों में तैयार होने वाली वेजीटेबल कुछ घंटों में तैयार हो जाती है। जिसे व्यापारी आसानी से मार्केट में कई गुना कीमत में बेच देते है। नार्मल किसान जिस फसल को जब तक एक बार मार्केट तक पहुंचाता है, तब तक इस इंजेक्शन का यूज करने वाले व्यापारी तीन बार मार्केट में भेज कर मुनाफा कमा चुके होते हैं।दूध और मशरूम में भी आक्सीटोसिन

सब्जियों के अलावा दूध में डिलीवरी पेन इंजेक्शन आक्सीटोसिन मिला है। दूध का बिजनेस करने वाले व्यापारी अधिक प्रॉफिट के लिए जानवरों में आक्सीटोसिन इंजेक्शन का यूज कर रहे है। इस इंजेक्शन के लगते ही गाय और दुधारू पशुओं से दूध की अंतिम बूंद तक निकल जाती है। इससे दूध की मात्रा तो बढ़ा जाती है, साथ ही दूध में हानिकारक केमिकल और चर्बी आ जाती है और दूध फायदेमंद होने की जगह नुकसान का कारण बन जाता है। मशरूम भी इससे अछूता नहीं है। शाहजहांपुर और अलीगढ़ से आने वाले मशरूम में भी व्यापारी आक्सीटोसिन इंजेक्शन का यूज कर रहे है। जिससे मशरूम का साइज बड़ा हो जाता है और व्यापारी का प्रॉफिट बढ़ जाता है। क्या करता है आक्सीटोसिनआक्सीटोसिन इंजेक्शन यूटरस की सिकुड़न को बढा़कर बच्चे के जन्म के प्रोसेस को आसान कर देता है। साथ ही लेबर पेन को भी कम करने का काम करता है। कहीं बढ़ न जाए इनफर्टिलिटी

स्टेमिना बढ़ाने और हेल्दी रखने के लिए डॉक्टर्स अक्सर दूध और ग्रीन वेजिटेबल का अधिक यूज करने की सलाह देते है। मगर ये वेजिटेबल कहीं स्टेमिना बढ़ाने के बजाए इनफर्टिलिटी का मरीज न बना दें। मिलावटखोरों की निगाह से वेजिटेबल भी अब नहीं बची है। कम समय में अधिक प्रॉफिट पाने के फेर में कुछ व्यापारी लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने से भी नहीं चूक रहे। ग्रीन वेजीटेबल में धड़ल्ले से आक्सीटोसिन इंजेक्शन का यूज हो रहा है। इंजेक्शन्स से निकला दूध हार्मफुलसाइंटिस्ट की नई रिसर्च के मुताबिक आक्सीटोसिन इंजेक्शन यूज से निकला दूध पशुओं की सेहत तो बिगाड़ ही रहा है, साथ ही इंसानी सेहत से भी खिलवाड़ कर रहा है। इंजेक्शन में मौजूद आक्सीटोसिन से इंसानों को कई तरह के शारीरिक और मानसिक रोग हो सकते हैं। इसके इंसानी जिस्म में जाते ही  गुर्दें, लीवर, गर्भाशय व प्रोस्टेट ग्लैंड पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जो कई तरह की बीमारियों को दावत दे सकता है। इसका सबसे बुरा असर यह है कि यह इम्युनिटी सिस्टम को भी डैमेज कर रहा है। साथ ही जब पशु मर जाते हैं तो उसके मांस को चील व गिद्ध खाते हैं, इससे आक्सीटोसिन इन पक्षियों के शरीर में जा कर उनकी प्रजनन क्षमता को कम कर देता है। यही वजह है कि पक्षियों की ये प्रजातियां खत्म हो रही है।पनिशेबल ऑफेेंस है इसका यूज
जीव जंतुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत इस इंजेक्शन का अंधाधुंध यूज प्रोहिबिटेड और पनिशेबल है। लेकिन मुनाफे के चक्कर में मुनाफाखोर इसका खुलेआम यूज कर रहे हैं। कानूनी जानकारों की मानें तो यह इंजेक्शन डॉक्टर की प्रिशक्रिप्शन पर ही खरीदा जा सकता है, लेकिन यह इंजेक्शन किराने की दुकानों पर भी बेधड़क बेचा जा रहा है। समय से पहले जवान हो रही वेजीटेबल्सआक्सीटोसिन दुधारू पशुओं को तो दिया ही जाता है, साथ ही इसका यूज नशे और सब्जियों को जल्दी तैयार करने के लिए भी होता है। यह इंजेक्शन बेल के निचले हिस्से में लगाया जाता है, जिससे फल व फूल जल्दी आने लगते हैं। सस्ते होने की वजह से नशेड़ी इसको नशे के लिए यूज करने लगे हैं। वे इसकी कुछ बूंदे पानी में मिलाकर भी लेते हैं।

 

Posted By: Inextlive