धूम्रपान से 'सड़ जाता है' दिमाग़
पचास साल से अधिक उम्र के लगभग आठ हज़ार आठ सौ लोगों पर किए गए शोध से पता चला कि उच्च रक्तचाप और मोटापे के कारण भी दिमाग़ पर थोड़ा असर पड़ता है.
चार साल और फिर आठ साल के बाद उन सभी लोगों की दोबारा जांच की गई.
जांच से पता चला कि अभ्यास के दौरान प्रदर्शन का सीधा संबंध सिगरेट पीने से था. इसका मतलब ये है कि ज़्यादा सिगरेट पीने वालों का प्रदर्शन ज़्यादा ख़राब था.
ब्रिटेन स्थित अलज़ाइमर रिसर्च के डॉक्टर साइमन रिडले का कहते हैं, ''पहले किए गए कई शोध से साफ़ हो चुका है कि धूम्रपान और उच्च रक्तचाप का सीधा संबंध डेमेंशिया(भूलने की बीमारी) से है, इस शोध से इसके सबूत और पक्के हो गए हैं.''डॉक्टर साइमन रिडले के अनुसार इन नतीजों से इस बात को बल मिलता है कि अधेड़ उम्र के लोगों को अपने हृदय के स्वास्थ्य की ओर ध्यान देना चाहिए.
इस बारे में अलज़ाइमर सोसाइटी का कहना है, ''हम सभी जानते हैं कि धूम्रपान, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्टेरोल और उच्च बॉडी मास इंडेक्स हमारे दिल के लिए बहुत हानिकारक हैं. इस शोध से इस बात के सुबूत मिलते हैं कि ये सभी हमारे दिमाग़ के लिए भी हानिकारक हैं.''अलज़ाइमर सोसाइटी के अनुसार पैंसठ साल के अधिक उम्र के हर तीन व्यक्ति में से एक को भूलने की बीमारी हो सकती है लेकिन इस ख़तरे को कम करने के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है.संतुलित आहार, वज़न पर नियंत्रण, नियमित रूप से व्यायाम, रक्तचाप और कोलेस्टेरोल की नियमित जांच और धुम्रपान से परहेज़ करके दिमाग़ को होन वाले नुक़सान पर क़ाबू पाया जा सकता है.