-दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएससी करके सीएसजेएमयू में लिया एडमिशन

-मेरीटोरियस के फ्रंट पेज पर 45 मा‌र्क्स दे परीक्षक की कॉपी नहीं जांची

-स्टूडेंट्स ने आरटीआई से कॉपी मांगी कर देखा तो उसके होश उड़ गए

KANPUR : छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी के एक परीक्षक ने सभी परीक्षकों की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। केमेस्ट्री के परीक्षक ने एमएससी फ‌र्स्ट इयर की मेरीटोरियस छात्रा की कॉपी जांची और उस कॉपी में परीक्षक ने मात्र 45 नंबर दिए। जब रिजल्ट डिक्लेयर हुआ तो मेरीटोरियस छात्रा को कुछ न कुछ गड़बड़ होने की आशंका जताई। इस छात्रा ने सूचना क्रांति के ब्रह्मास्त्र आरटीआई का प्रयोग कर कॉपी मांग ली। जब छात्रा ने कॉपी देखी तो उसके होश उड़ गए। परीक्षक ने अंदर कॉपी चेक ही नहीं की थी। सिर्फ मा‌र्क्स फ‌र्स्ट पेज पर भर दिए थे। इस मैटर पर जिला प्रशासन के एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने हस्तक्षेप किया तो दो एक्सपर्ट ने कॉपी जांची, जिसमें कि छात्रा को 71 से 79 नंबर मिले।

आरटीआई से हकीकत आई सामने

यूनिवर्सिटी का रिजल्ट आने पर मेधावी अपने मा‌र्क्स को देखकर हैरान रह गई। उसे उम्मीद ही नहीं थी कि इतने कम नंबर आएंगे। मेधावी ने आरटीआई के माध्यम से एग्जाम कॉपी की फोटोकॉपी की डिमांड कर दी। जब उसे कॉपी मिली तो वह हैरान रह गई। उसकी कॉपी परीक्षक ने जांची ही नहीं थी।

वीसी ने रि-चेक का आॅर्डर किया

छात्रा के पेरेंट्स ने इस मैटर से अपने सीनियर ऑफिसर को अवगत कराया। सीनियर ने अपने बैचमेट एसपी ट्रैफिक एसएन सिंह को पूरी घटना की जानकारी दी। एसपी ट्रैफिक ने पूरी घटना समझने के बाद यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक से संपर्क किया और उन्हें पूरे मैटर से अवगत कराया। परीक्षा नियंत्रक ने पूरा मैटर वाइस चांसलर के सामने रखा और दो एक्सपर्ट से कॉपी चेक करवाने का ऑर्डर पास करवाया।

परीक्षक से 15 दिन में जवाब मांगा

वाइस चांसलर प्रो। जेवी वैशम्पायन ने इस मामले में दो एक्सपर्ट को नियुक्त किया, जिनसे अलग-अलग कॉपी चेक करवाई गई। एक एक्सपर्ट ने 100 नंबर में 71 नंबर दिए और दूसरे एक्सपर्ट ने 79 नंबर दिए। इसके बाद पहले परीक्षक के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कर दी। परीक्षक को नोटिस जारी कर दिया गया है। उनसे 15 दिन के अंदर जवाब देने को कहा गया है।

वर्जन

दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीएससी पास करके आई मेधावी को एमएससी में 100 में मात्र 45 नंबर परीक्षक ने दिए थे। इसके बाद जब कॉपी देखी गई तो परीक्षक ने कॉपी नहीं जांचने का खुलासा हुआ। इस मामले पर परीक्षा नियंत्रक से बात की उन्होंने पूरे मैटर को हैंडल कर सच सामने ला दिया।

-एसएन सिंह, एसपी ट्रैफिक, कानपुर नगर।

मेरीटोरियस की कॉपी का मूल्यांकन परीक्षक ने अच्छी तरह से नहीं किया था। वीसी सर ने ऑर्डर कर दो एक्सपर्ट कॉपी जांचने के लिए नियुक्त किए थे। इन परीक्षकों ने 71 व 79 मा‌र्क्स दिए। इसमें पहले परीक्षक को नोटिस जारी कर दिया गया है। उनसे 15 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है। परीक्षक को मूल्यांकन से डिबार किया जा सकता है।

-राज बहादुर यादव, परीक्षा नियंत्रक

Posted By: Inextlive