--College व universites में छात्रसंघ चुनाव के नजदीक आते ही छात्रनेता जुटे एक-दूसरे पर फर्जी मुकदमा कराने में

--Case दर्ज हो जाने पर election लड़ने के लिए ताल ठोंक रहे नेता चुनाव मैदान से खुद ब खुद हो जायेंगे बाहर

VARANASI

इन दिनों अपने शहर की यूनिवर्सिटीज और कॉलेज कैंपस में माहौल गर्म है। गर्म इसलिए क्योंकि जल्द ही सभी जगहों पर छात्रसंघ चुनाव होने वाला है। अपनी जीत पक्की करने के लिए कई छात्रनेता शातिराना चाल चलने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। इस चुनावी माहौल में जहां वे अपने प्रतिद्वंदी को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वहीं हद की बात यह है कि अपना मुकद्दर बनाने और चुनावी जमीन पर खुद को मजबूत करने के लिए कुछ नेता अपने प्रतिद्वंदी पर मुकदमा तक ठोंक दे रहे हैं। ऐसा इसलिए ताकि मुकदमा दर्ज होने के बाद लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के तहत उनका प्रतिद्वंदी खुद ही चुनाव मैदान से बाहर हो जाये और छात्रसंघ के होने वाले इलेक्शन में उनको एक तरफा जीत मिल जाये।

हर कैंपस में यही है हाल

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ हो या हरिश्चन्द्र डिग्री कॉलेज या यूपी कॉलेज। हर जगह कैंपस में इन दिनों छात्रनेता एक दूसरे पर मुकदमा करने का बहाना तलाश रहे हैं। सिगरा थाने में तो डेली एक दो शिकायत पहुंच रही है। पिछले दिनों एक छात्रनेता ने दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। पुलिस जांच कर ही रही थी कि दूसरे पक्ष ने भी तहरीर देकर धमकी और मारपीट का आरोप लगा दिया। सिगरा के अलावा कोतवाली थाने में भी पिछले दिनों हरिश्चन्द्र कॉलेज के एक छात्रनेता ने दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। शिवपुर थाने में भी यूपी कॉलेज के नेता डेली कोई न कोई पंचायत लेकर पहुंच रहे हैं। जिसके कारण पुलिस भी परेशान है कि किसको पकड़े और किसको नहीं।

नियम है ऐसा, इसलिए

- फर्जी मुकदमा राजनैतिक स्टंट है

- वजह लिंगदोह कमेटी की सिफारिश के मुताबिक यदि किसी कैंडीडेट पर कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता।

- इसलिए मारपीट, जान से मारने की धमकी जैसे गंभीर आरोप एक दूसरे पर लगा रहे हैं छात्रनेता।

- हर की यही कोशिश है कि मुकदमा हर हाल में दर्ज हो जाए।

- इसके लिए सैकड़ों की संख्या में थाने पर छात्र तब तक मौजूद रहते हैं जब तक मुकदमा लिख नहीं लिया जाता।

- हालांकि पुलिस मामले को सुलह समझौते से रफा दफा करने की कोशिश करती है।

- लेकिन कई मामलों में पुलिस को मुकदमा दर्ज करना ही पड़ता है।

यहां होते हैं छात्रसंघ चुनाव

-शहर में काशी विद्यापीठ, हरिश्चन्द्र कॉलेज और यूपी कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव होते हैं।

- इन तीनों जगहों पर छात्रसंघ इलेक्शन में किसी राजनैतिक पार्टी के डायरेक्ट कैंडीडेट नहीं उतरते।

- लेकिन हर पार्टी पीछे से अपने अपने कैंडीडेट को देती है पूरा सर्पोट।

- इनमें सपा, कांग्रेस और भाजपा जैसी बड़ी पार्टियां शामिल हैं।

- चुनाव से एक महीने पहले मुकदमे बाजी का खेल शुरू होता है।

- मुकदमा उसी कैंडीडेट पर कराया जाता है जिसके चुनाव लड़ने की संभावना ज्यादा होती है

Posted By: Inextlive