सुरक्षा परिषद ने बुलाई आपात बैठक. सीरिया में कथित रासायनिक हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कहा है कि इस बार में तत्काल और निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए कि वहां क्या हुआ.


सीरिया के विपक्षी समूहों का कहना है कि राजधानी दमिश्क के बाहरी इलाके में हुए इस हमले में  सैकड़ों लोग मारे गए हैं.इस मुद्दे पर बुधवार को न्ययॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई गई.सीरियाई विपक्ष का कहना है कि सीरियाई सुरक्षा बलों ने इन रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया. हालांकि सरकार ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है.'नरसंहार'सुरक्षा परिषद ने कहा है कि इस कथित हमले में क्या हुआ, इसके बारे में स्पष्टता जरूरी है, लेकिन उसने सीरिया में ही मौजूद संयुक्त राष्ट्र के हथियार निरीक्षकों से इसकी जांच की मांग नहीं की है.इस बीच अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस समेत 35 देशों ने एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षकों से ही इस मामले की जांच की मांग की गई है.


संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षक रविवार को सीरिया पहुंचे जो वहां इससे पहले हुए रासायनिक हथियारों के हमलों से जुड़े आरोपों की जांच कर रहे हैं.हथियार निरीक्षकों का कहना है कि अगर उन्हें अनुमति दी जाती है तो वो ताज़ा हमले की जांच के लिए भी तैयार हैं.सीरिया के मुख्य विपक्षी समूह 'नेशनल कोलिशन' ने बुधवार के हमले को नरसंहार बताया है.गहराता संकट

इस हमले में सैकड़ों लोगों के मारे जाने की बात कही जा रही हैसीरिया पिछले दो साल से भी ज्यादा समय से संकट से जूझ रहे हैं. राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ जारी इस विद्रोह में संयुक्त राष्ट्र के अनुसार अब तक एक लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.अमरीका ने कहा है कि वो रासायनिक हमले की खबरों से बेहद चिंतित है लेकिन सीरिया के समर्थक माने जाने वाले रूस ने कहा है कि ऐसे सबूत हैं कि ये हमला विपक्ष ने किया.इससे पहले अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा चेतावनी दे चुके हैं कि सीरिया में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल इस संकट के बारे में अमरीकी नीति को पूरी तरह बदल सकता है.बीबीसी के मध्यपूर्व संवाददाता का कहना है कि अगर ये साबित हो जाता है कि बुधवार को हुए हमले में बड़े पैमाने पर लोगों की जानें गई हैं तो ओबामा पर कार्रवाई करने का दबाव होगा.

Posted By: Satyendra Kumar Singh