>RANCHI:हाल ही में हुए नेशनल गेम्स में तारा का स्कोर 9ख् था, जबकि इंटरनेशन पार्टीसिपेशन के लिए मिनिमम 9भ् स्कोर होना जरूरी है। तारा इस फासले को पूरा करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही है। रांची में कोच न मिल पाने की वजह से उसने पुणे स्थित राइफल शूटर गगन नारंग की एकेडमी में एडमिशन लेने की कवायद शुरू कर दी है। तारा बताती हैं कि यहां ट्रेनिंग लेना काफी मंहगा है। घरवाले किसी तरह मैनेज कर रहे हैं, ताकि बेस्ट एकेडमी में एडमिशन मिल जाए। यहां एक महीने की ट्रेनिंग के बाद नेशनल चैम्पियनशिप में तारा पार्टीसिपेट करना चाहती है। सितम्बर से ही नॉर्थ इस्ट जोन का प्रैक्टिस सेशन रांची में शुरू हो जाएगा।

फ‌र्स्ट इयर के एग्जाम का भरा फॉर्म

जिंदगी में इतनी बड़ी उत्थल-पुथल के बावजूद तारा ने हिम्मत नहीं हारी। उसने राइफल शूटिंग की प्रैक्टिस के साथ-साथ अपनी अधूरी पढ़ाई भी जारी रखने का फैसला लिया। पिछले साल सितम्बर में ही उसने धुर्वा के जेएन कॉलेज में हिस्ट्री ऑनर्स के लिए एडमिशन ले लिया। फ‌र्स्ट इयर के फाइनल एग्जाम के लिए वह शनिवार को ही फॉर्म भी भर दी और अब जुलाई में होने वाले एग्जाम को लेकर जी-तोड़ मेहनत करना चाहती हैं।

नेशनल चैंपियनशिप है लक्ष्य

ग्रेजुएशन फ‌र्स्ट इयर का एग्जाम देने के बाद तारा का ध्यान रांची में पहली बार होने जा रही शूटिंग की नेशनल चैंपियनशिप पर है। अक्टूबर में आयोजित इस चैम्पियनशिप को लेकर तारा काफी गंभीर हैं। जमकर प्रैक्टिस करना चाहती हैं। हालांकि रांची में अच्छे कोच नहीं मिलने की वजह से उसे थोड़ी परेशानी हो रही है, जबकि इसके लिए उसने स्पो‌र्ट्स मिनिस्टर से भी रिक्वेस्ट किया, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। हां, उसे खेलगांव स्थित शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस की इजाजत जरूर मिल गई है। तारा रोज अपने भाई केसाथ रेंज में जाकर क्ख् से पांच बजे शाम तक शूटिंग की प्रैक्टिस कर रही हैं। इसके अलावा तारा ने जिम भी ज्वाइन किया है और योग की प्रॉपर ट्रेनिंग भी ले रही हैं। इससे बैकबोन में आई चोट को रिकवर करते हुए वह प्रैक्टिस में फिट बैठ सकती है।

Posted By: Inextlive