आपने किस्से कहानियों में तो कई बार सुना होगा कि राजा भेष बदल कर प्रजा के बीच गया. लेकिन नॉर्वे के प्रधानमंत्री येंस स्टोल्टनबर्ग तो सच में वोटरों की राय जाने के लिए टैक्सी चालक बन बैठे.


स्टोल्टनबर्ग ने एक पूरी दोपहर नॉर्वे की राजधानी ओस्लो की सड़कों पर बिना अपनी पहचान बताए टैक्सी चलाते हुए बिताई.स्टोल्टनबर्ग का कहना था कि उन्होंने ऐसा आम नॉर्वेजियन वोटर की नब्ज़ टटोलने के लिए किया. उनका मानना है कि टैक्सी उन चुनिंदा जगहों में से एक है जहाँ आदमी बेबाकी से अपनी मन की बात कहता है.सब कैमरे में क़ैदजून के महीने में एक दिन उन्होंने धूप का चश्मा चढ़ाया और लगे टैक्सी चलाने. स्टोल्टनबर्ग ने अपनी पहचान तभी बताई जब लोगों ने उन्हें पहचान लिया.स्टोल्टनबर्ग की यात्रियों से हुई बातचीत को एक गुप्त कैमरे में कैद भी किया गया.इस वीडियो रिकॉर्डिंग को एक विज्ञापन एजेंसी के साथ मिलकर तैयार किया गया और इसे प्रधानमंत्री के फेसबुक पन्ने पर डाला गया है.पैसे भी नहीं लिए
स्टोल्टनबर्ग ने बाद में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, " मेरे लिए यह जानना ज़रूरी हैं कि लोग दरअसल क्या सोचते हैं और टैक्सी में लोग अपनी राय रखने में हिचकिचाते नहीं."इस फ़िल्म में दिखाए गए ज़्यादातर लोगों ने कुछ ही देर में यह समझ लिया कि टैक्सी चालक में कुछ अलग बात है.


एक यात्री ने कहा, "इस तरफ से देखने से तो आप स्टोल्टनबर्ग की तरह दिखते हो."

स्टोल्टनबर्ग ने किसी भी यात्री से यात्रा के लिए पैसे नहीं लिए.नॉर्वे में चुनाव होने वाले हैं. यूं तो स्टोल्टनबर्ग नॉर्वे में काफ़ी लोकप्रिय हैं लेकिन जनमत सर्वेक्षणों में पाया गया है कि वो विपक्ष से पिछड़ रहे हैं.जब एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि अगर वो चुनाव हार गए तो क्या वो टैक्सी चालक बनना पसंद करेंगे तो स्टोल्टनबर्ग ने उत्तर दिया "मुझे लगता है कि मैं प्रधानमंत्री के रूप में अपनी देश की ज़्यादा सेवा कर सकता हूँ."

Posted By: Satyendra Kumar Singh