टेंडर का खेल करने वाले प्रभारी पर अब गिरेगी गाज
- बिना ई-टेंडरिंग के अपनी चहेती कंपनी को दे दिया दस लाख रुपए स्ट्रीट लाइट लगाने का टेंडर
- कमिश्नर की जांच में उजागर हुआ खेल, अपर नगर आयुक्त ने दाखिल किया आरोप पत्र बरेली : बिना ई-टेंडरिंग के ही चहेती कंपनी को दस लाख रुपए से शहर में स्ट्रीट लगाने का ठेका देने वाले नगर निगम के प्रकाश अधीक्षक पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है. अपर नगर आयुक्त की जांच में आरोप सही पाए गए. अपर नगर आयुक्त ने अपनी जांच रिपोर्ट कमिश्नर को सौंप दी है. माना जा रहा है कि जल्द ही प्रकाश अधीक्षक पर कार्रवाई हो सकती है. क्या है पूरा मामला11 फरवरी को अनिका इंटरप्राइजेज के मीडिया एक्जिक्यूटिव सतनाम सिंह ने कमिश्नर रणवीर प्रसाद को शिकायती पत्र देकर बताया कि नगर निगम ने बिना ई-टेंडरिंग कराए ही बंद डिब्बे में पर्ची डालकर अपनी चहेती कंपनी गज केसरी को टेंडर जारी कर दिया. दस लाख रुपए की स्ट्रीट लाइटें लगाने के लिए शहर का सर्वे तक नहीं कराया गया. मामले को गंभीरता से लेते हुए कमिश्नर ने मामले की जांच प्राविधिक अधिकारी को सौंपी थी.
शासनादेश किया दरकिनारशासनादेश की माने तो दस लाख रुपये से ऊपर के काम ई-टेंडरिंग के माध्यम से ही आंवटित किए जाते हैं. लेकिन प्रकाश विभाग ने बिना ई-टेंडरिंग के ही चहेती कंपनी को टेंडर दे दिया. यदि नियमानुसार ई-टेंडरिंग की जाती तो कई और कंपनियां भी इसमें शामिल होतीं, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
सर्वे तक नहीं कराया प्रकाश विभाग ने दस लाख रुपए की स्ट्रीट लाइटें लगाने का काम अपनी चहेती कंपनी को सिर्फ अनुमान लगाकर दे दिया. जांच में सामने आया कि शहर में कहां स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी हैं इसके लिए सर्वे तक नहीं कराया गया. ये मिली गड़बड़ी 1. नियमानुसार साधारण टेंडर में यूआईडी होना आवश्यक है, लेकिन कंपनी ने सिर्फ पैन कार्ड ही लगाया. 2. जांच में निगम से यह पूछा गया कि किस आधार पर बिना सर्वे के अनुमान लगा लिया कि पूरे शहर में लाईटें लगाने में दस लाख की लागत आएगी. नगर निगम इसका कोई जवाब नहीं दे सका. 3. जांच में निगम से पूछा गया कि जब गज केसरी तीन महीने पहले से ही अनुबंधित थी तो दोबारा इसी कंपनी को टेंडर क्यों दिया गया. वर्जन जांच में प्रकाश अधीक्षक की भूमिका संदिग्ध पाई गई. उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है. इस संबंध में अब प्रकाश अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.ईश शक्ति सिंह, अपर नगर आयुक्त.