पाकिस्तान के उत्तरी पश्चिमी इलाक़े में एक चरमपंथी कमांडर के परिसर में हुए आत्मघाती बम विस्फोट में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है.


सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी.ख़बरों के मुताबिक़ कमांडर नबी हन्फ़ी इस क्षेत्र में पाकिस्तानी तालिबान की एक शाखा के ख़िलाफ़ लड़ रहे थे.चरमपंथी समूह तहरीक-ए-तालिबान ने कहा है कि ख़ैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के पहाड़ी इलाक़ों में हुए इस हमले के पीछे उनका हाथ है.अधिकारियों के अनुसार  आत्मघाती हमलावर परिसर में गाड़ी लेकर घुस गए.चरमपंथियों का गढ़क़बाइली इलाक़े औरकज़ई में हुए इस विस्फोट में कई अन्य लोग घायल हुए हैं. इस इलाक़े को  पाकिस्तानी तालिबान और अल-क़ायदा से जुड़े चरमपंथियों का गढ़ माना जाता है. अभी यह साफ़ नहीं हो सका है कि इस हमले में हन्फ़ी मारे गए हैं या नहीं. स्थानीय प्रशासक वाजिद ख़ान ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि हमले के समय हन्फ़ी वहां नहीं थे.
नबी हन्फ़ी इससे पहले तहरीर-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े थे, लेकिन बाद में उन्होंने पाला बदल लिया और अपने लड़ाकों के साथ उन्हीं के ख़िलाफ़ लड़ने लगे.ख़बरों के मुताबिक़ पाकिस्तानी सरकार ने टीटीपी की चुनौती का मुक़ाबला करने के लिए उनके गुट को कुछ सहायता दी थी.बातचीत पर मतभेद


इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने पाकिस्तानी तालिबान के साथ बातचीत की पेशकश की थी, लेकिन इसे लेकर सहमति नहीं बन सकी. इस हमले को उसी अनबन की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है.पाकिस्तानी तालिबान के बैनर तले क़रीब दर्जन भर चरमपंथी समूह काम कर रहे हैं.इन सभी का वर्चस्व पेशावर के निकट क़बायली इलाक़ों में है. इस समूहों में से कुछ बातचीत के पक्ष में हैं और कुछ नहीं.ख़ैबर प़ख्तूनख्वाह प्रांत के मुख्य शहर पेशावर बीते दिनों आत्मघाती हमलों से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इनमें से कुछ हमलों की ज़िम्मेदारी तो तालिबानी घुसपैठियों ने ली है, जबकि कुछ के लिए उन्हें दोषी ठहराया गया है.

Posted By: Subhesh Sharma