इंडोनेशिया में मानसिक बीमारी से पीड़ित लोगों को जेल में बंद कर के रखा जाता है। उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया जाता है। पीडि़तों को यातनायें दी जाती है। मानसिक रूप से पीडि़त लोगों को यहां टैबू कहा जाता है। एंड्रेया स्टार रीसी नाम के एक अमेरिकी फोटोग्राफर ने 2011-12 में इंडोनेशिया के एक पागलखाने पर रिसर्च की जिस पर उन्होंने एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई थी। इस रिसर्च का नाम उन्होंने डिसार्डर रखा। एंड्रेया ने यहां कुछ फोटोग्राफ लिए जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए। इन तस्वीरों को देखने के बाद आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां पर रहने वाले रोगियों का जीवन कैसा होगा।
By: Prabha Punj Mishra
Updated Date: Mon, 21 Nov 2016 04:04 PM (IST)
2- 15 साल की ईव को उसके माता-पिता ने लड़की के बेड और इस्लामिक तरीके से किए जाने वाले उपचार के लिए यहां भर्ती किया है। 4- यहां कैदियों को इंसान नही जानवरों से भी बदतर तरीके से इन्हें कुछ इस तरीके से कैद करके रखा जाता है।6- अस्पताल में खाने-पीने की भी समस्या है। मरीजों को कभी खाना दिया जाता है तो कभी उन्हें भूखा रखा जाता है। 8- सेमून पिछले बीते पांच सालों से इस झोपड़ी में रह राहे हैं। उनकी उम्र 40 साल की है। उनकी मां की देखभाल भी पड़ोस के लोग करते हैं।10- अस्पताल में मरीजों के लिए कोई व्यवस्था नही की गई है। लोग यहां बिना कपड़ों के घूमा करते हैं।
12- यहां इन हालातों में मरीजों को रखा जाता है। उन्हें ना तो तन ढकने के लिए कपड़े दिए जाते हैं और ना ही कोई सुख सुविधा।
13-अस्पताल की ओर से एक हीलिंग सीजन चलाया जाता है। जिसमें मरीजों का कुछ इस तरह से उपचार किया जाता है।
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Posted By: Prabha Punj Mishra