-शहर के मेन चौराहों पर बनी हैं बड़ी-बड़ी रोटरी

-न तो सिग्नल और न ही मैनुअल ट्रैफिक चल पाता है

शहर के मेन चौराहों पर बनी हैं बड़ी-बड़ी रोटरी

-न तो सिग्नल और न ही मैनुअल ट्रैफिक चल पाता है

BAREILLY: BAREILLY: शहर के ट्रैफिक में चौराहों पर बनी रोटरी सबसे बड़ी बाधा हैं। सैटेलाइट, चौकी चौराहा, अयूब खां चौराहा और चौपुला चौराहा पर रोटरी इतनी चौड़ी बनी हैं, कि न तो सिग्नल से ट्रैफिक चल पाता है और न ही मैनुअल। चौड़ाई के साथ-साथ रोटरी की ऊंचाई भी इतनी ज्यादा है कि एक तरफ से जाने वाले वाहन चालक को दूसरी ओर को ट्रैफिक ही नजर नहीं आता है। जिसकी वजह से आए दिन एक्सीडेंट होते हैं। ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम इसको लेकर भी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते हैं।

1-सैटेलाइट चौराहा

सैटेलाइट चौराहा सिटी का सबसे बिजी चौराहा है। यहां पर बस अड्डे के साथ शाहजहांपुर और पीलीभीत की ओर जाने वाले दो हाइवे गुजरते हैं और बीसलपुर रोड का भी ट्रैफिक यहीं से होकर जाता है। इसकी वजह से इस चौराहा पर हमेशा ही ट्रैफिक का दबाव रहता है। इस चौराहा पर ट्रैफिक सिग्नल भी लगे हुए हैं, लेकिन रोटरी इतनी चौड़ी है कि ट्रैफिक डिस्ट‌र्ब्ड होता रहता है।

झाडि़यों में तब्दील हुइर् रोटरी

रोटरी चौड़ी होने की वजह से चौराहों की रोड संकरी हो गई है। जिसकी वजह से पीलीभीत, शाहजहांपुर और श्यामगंज की ओर से जाने वाले वाहन चालकों को दूसरी ओर का ट्रैफिक दिखाई ही नहीं देता है। रोटरी को लुक देने के लिए घास लगाई गई है जो झाड़ी में तब्दील हो चुकी है। जिसकी वजह से ट्रैफिक नहीं दिखता है। अचानक सामने से वाहन आने पर एक्सीडेंट का खतरा बना रहता है

2-चौकी चौराहा

चौकी चौराहा पर बरेली कॉलेज-रामुपर गार्डन, अयूब खां चौराहा, चौपुला चौराहा, रेलवे जंक्शन, बदायूं रोड और गांधी उद्यान की ओर से ट्रैफिक आता-जाता है। जिसकी वजह से चौराहा काफी व्यस्त रहता है। इस चौराहा पर भी रोटरी काफी बड़ी बनी हुई है। जिसकी वजह से ट्रैफिक डिस्ट‌र्ब्ड होता है।

रोड नहीं चौकी नजर आती है

चौराहा पर 5 रास्ते होने की वजह से रोटरी का स्ट्रक्चर तिरछा बना हुआ है। जिसकी वजह से आमने-सामने का ट्रैफिक वाहन चालकों को दिखाई ही नहीं देता है। रोटरी की चौड़ाई और ऊंचाई भी काफी ज्यादा है, जिससे प्रॉब्लम होती है। जब भी इस चौराहा पर पुलिस लाइंस या कलेक्ट्रेट की ओर से ट्रैफिक आता है तो उसमें गांधी उद्यान की ओर जाने वाले सामने की रोड नजर नहीं आती है, बल्कि सामने बनी पुलिस चौकी नजर आती है। दिन में तो ट्रैफिक स्लो होता है लेकिन रात में जब भी कोई वाहन तेजी से निकलता है तो चौकी में घुसने के डर से अचानक वाहन मोड़ता है और फिर वाहन पलट जाता है। दो दिन पहले भी इसी वजह से यहां ट्रक पलट गया था।

3-अयूब खां चौराहा

अयूब खां चौराहा की रोटरी भी बहुत चौड़ी है। इस चौराहे पर चौकी चौराहा, नगर निगम, सिकलापुर, नावल्टी, कार बाजार और चौपुला चौराहा की ओर से ट्रैफिक आता है। इस चौराहा पर रोटरी पर मूर्ति लगी हुई है। इस चौराहा के पास में ही मेन मार्केट है, जिसकी वजह से छोटे वाहनों का दवाब ज्यादा रहता है।

रोटरी है काफी ऊंची

अयूब खां चौराहा की रोटरी भी काफी चौड़ी और ऊंची है। जिसकी वजह से आमने-सामने का ट्रैफिक नजर नहीं आता है। ट्रैफिक मुड़ते वक्त एक्सीडेंट होने का खतरा बना रहता है। यदि कोई रांग साइड निकल जाए तो फिर जाम के साथ-साथ एक्सीडेंट होने का डर बना रहता है।

4-चौपुला चौराहा

चौपुला चौराहा की भी रोटरी को काफी बड़ा बनाया गया है। यहां से सुभाषनगर, पुलिस लाइंस, अयूब खां चौराहा, बिहारीपुर, सिटी स्टेशन की ओर से ट्रैफिक आता है। इस चौराहा पर हमेशा और सबसे ज्यादा ट्रैफिक का दबाव रहता है। क्योंकि यहां से बदायूं और दिल्ली जाने वाला ट्रैफिक भी गुजरता है।

रोटरी के साथ दो ओर की रोड संकरी

रोटरी चौड़ी होने की वजह से सिटी स्टेशन की ओर आने और जाने वाली रोड संकरी हो जाती है, क्योंकि सिटी स्टेशन की ओर से आने वाली रोड किनारे मकान बने हुए हैं और दूसरी ओर फ्लाईओवर की दीवार है। जिसकी वजह से इस रोड पर दोनों ओर ट्रैफिक का दबाव रहता है। यहां जल्दबाजी में अक्सर एक्सीडेंट होते हैं और झगड़े भी होते हैं।

सभी चौराहों पर मेन प्रॉब्लम

सोलर पैनल पर झ्ांडे बैनर

सभी चौराहों की रोटरी के बीच में ट्रैफिक सिग्नल को चलाने के लिए सोलर पैनल लगाए गए हैं। इनके पोल पर लोग बड़े-बड़े होर्डिग बैनर-पोस्टर लगा देते हैं, जिसकी वजह से ट्रैफिक नहीं दिखता है और वाहन चालकों का माइंड डायवर्ट होता है। यही नहीं चौराहों के चारों ओर होर्डिग बैनर लगे रहते हैं, जो भी एक्सीडेंट का कारण बनते हैं।

ट्रैफिक सिग्नल नहीं आते नजर

रोटरी की चौड़ाई और ऊंचाई की वजह से सभी चौराहों पर सामने के ट्रैफिक सिग्नल भी सही से नजर नहीं आते हैं। ऐसे में लोग कंफ्यूज हो जाते हैं, कि सामने ट्रैफिक रेड है या ग्रीन। इसकी वजह से लोग अपनी मर्जी से निकलने की कोशिश करते हैं और वाहन के आपस में टकराने का खतरा बना रहता है। इसी वजह से ट्रैफिक सिग्नल चलाने में भी प्राब्लम होती है।

आईलैंड सिर्फ बने शो पीस

जब भी चौराहों के ट्रैफिक सिग्नल वर्क न करें तो मैनुअल ट्रैफिक चलाया जाता है लेकिन रोटरी की वजह से मैनुअल ट्रैफिक चलाना काफी मुश्किल है। सभी रोटरी के ऊपर आईलैंड बनाए गए हैं लेकिन आईलैंड पर सिर्फ एक ओर ही खड़े होकर ट्रैफिक मूव किया जा सकता है। दूसरी ओर के ट्रैफिक को रोकने के लिए काफी घूमकर जाना पड़ता है।

Posted By: Inextlive