- परिजनों ने डॉक्टर्स पर लापरवाही का आरोप लगा काटा हंगामा, सेंटर इंचार्ज से जबाव-तलब

-परिजनों का कहना कि अगर समय से एडमिट कर लेते तो शायद बच जाती जान

बरेली : शासन से लेकर प्रशासन हर कोई टीबी का दंश मिटाने के लिए पुरजोर कोशिशें कर रहा है, लेकिन यहां हेल्थ महकमा लगातार टीबी रोगियों को इलाज देने में लापरवाही बरत रहा है। ट्यूजडे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में लापरवाही के चलते दो टीबी रोगियों ने दम तोड़ दिया। एक मरीज को दो दिन से भर्ती होने के लिए विभागीय मुलाजिम भटकाते रहे तो दूसरा लंबे समय से टीबी वार्ड में भर्ती था।

क्या है पूरा मामला

शहर के भोजीपुरा के मोहल्ला गोपालपुर निवासी 45 वर्षीय रामसरन को टीबी था। मंडे दोपहर में परिजन उन्हें लेकर डिस्ट्रिक्ट टीबी हॉस्पिटल पहुंचे तो दो घंटे के इंतजार के बाद भी उन्हें भर्ती तक नहीं किया गया। वहीं अगले दिन आने को कहकर टरका दिया। ट्यूजडे को जब परिजन दोबारा उन्हें लेकर सुबह 11 बजे हॉस्पिटल पहुंचे तो उनकी जांच की गई। अन्य कागजी कार्रवाई के लिए उन्हें डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल भेजा गया। इसके बाद जब परिजन इमरजेंसी पहुंचे तब तक रामसरन ने रामसरन ने दम तोड़ दिया। वहीं शहर के प्रेमनगर निवासी गुड्डू भी ट्यूजडे दोपहर करीब 1 बजे ही डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बने टीबी वार्ड में भर्ती हुए थे लेकिन इलाज के दौरान करीब साढ़े तीन बजे उनकी भी मौत हो गई।

भर्ती करते तो बच जाती जान

रामसरन के रिश्तेदार मेघनाद ने बताया कि अगर मंडे को ही रामसरन को भर्ती कर लिया जाता तो शायद उनकी जान बच सकती थी लेकिन हॉस्पिटल प्रबंधन ने लापरवाही दिखाई और रामसरन की जान चली गई।

परिजनों ने काटा हंगामा

रामसरन की मौत के बाद प्रबंधन भी सकते में आ गया, मौत की खबर जैसे ही परिजनों को लगी तो परिजनों ने इमरजेंसी परिसर में हंगामा करना शुरु कर दिया हालांकि बाद में हॉस्पिटल प्रबंधन के समझाने पर वे लोग शांत हुए।

वर्जन

जो भी आरोप परिजन लगा रहे हैं वह निराधार हैं, हमने जांच के लिए बलगम लिया था, अगले दिन मरीज को आने के लिए कहा गया था। रिपोर्ट देकर ही डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल भेजा था।

डॉ। एसके गर्ग, जिला क्षय रोग अधिकारी।

Posted By: Inextlive