- दुर्घटना के बाद आई बसों की फिटेनस की याद

LUCKNOW:

सड़कों पर दौड़ रही रोडवेज की बसें पूरी तरह खटारा हो चुकी हैं। किसी का स्पीड मीटर काम नहीं कर रहा है तो किसी में इंडीगेटर नहीं है। कई बसों में तो सीसे भी नहीं हैं। जो बसें रोड़ पर उतारने के काबिल भी नहीं हैं, उन्हें आरटीओ ऑफिस की मिली भगत से फिटनेस सर्टिफिकेट देकर चलने की इजाजत दे दी जाती है।

मिनिस्टर ने दिया था निर्देश

परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह निर्देश दिया था कि बिना फिटनेस लिए कोई भी बस रोड़ पर नहीं चल सकेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि इसके लिए अधिकारियों की विशेष रूप से तैनाती की जाए। मंत्री के इस आदेश के बाद के रविन्द्र नायक ने रोडवेज के सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिया था कि वे फिट बसों को ही चलने की अनुमति दें।

बारिश में न हो परेशानी

अधिकारियों को दिए गए आदेश में कहा गया कि बारिश से पहले सभी बसों को ठीक किया जाए ताकि पानी अंदर न आ सके। बसों की जांच में दरवाजों, खिड़कियों के साथ लाइटें और इंडीकेटर का विशेष ध्यान रखा जाए। सभी बसों में वाइपर, विंड स्क्रीन, स्पीडो मीटर ठीक से चलने चाहिए। जिन बसों में यह ठीक न हों उन्हें सड़क पर न उतारा जाए।

अधिकारियों को दी थी चेतावनी

इसके अलावा बसों के इमरजेंसी गेट, अग्निशमन यंत्र, बसों के टायर भी देखे जाएंगे। जिन बसों में यह कमियां हैं और यह बसें ऑन रोड मिलीं तो आरआइ, आरएम और बसों के चालक और परिचालक भी नपेंगे।

अधिकतर हादसे रात दो बजे के बाद

बसों में अधिकतर दुर्घटनाएं रात दो से सुबह छह बजे के बीच होती हैं। इसका सबसे बड़ कारण है कि रात में चलने वाली बसों के चालक ढाबों पर गरिष्ठ भोजन के साथ प्रतिबंधित पेय पदार्थो का सेवन करते हैं। परिवहन मंत्री ने इसके लिए भी विशेष जांच कराने के आदेश दिए हैं।

ड्राइवर नहीं कर सकेंगे मोबाइल यूज

परिवहन मंत्री ने कहा कि बसों के चालक यदि ड्राइविंग के दौरान मोबाइल का यूज करते पाए गए तो उन पर पांच हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा। चालक को ड्राइविंग के समय अपना मोबाइल परिचालक के पास जमा करना होगा। उन्होंने कहा कि बसों के यात्री परिवहन निगम की कम्पलेन व्हाट्स एप नम्बर 9415049606 पर ऐसे चालकों की फोटो भी भेज सकेंगे।

Posted By: Inextlive