ओबामा प्रशासन सीरिया विद्रोहियों की ताकत बढ़ाने के लिए उन्हें सैन्य प्रशिक्षण देने पर विचार कर रहा है. उन्हें यह प्रशिक्षण जार्डन में दिया जा सकता है.


अभी तक नहीं हुआ फैसलाअधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि इस मसले पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है लेकिन शीर्ष स्तर पर विचार विमर्श चल रहा है. ओबामा प्रशासन के इस कदम को कांग्रेस पर दबाव बनाने के रूप में देखा जा रहा है ताकि रासायनिक हमले के लिए सीरिया की सरकार के खिलाफ सीमित सैन्य कार्रवाई का उसे अधिकार मिल जाए. सीरियाई विद्रोहियों को प्रशिक्षण देने के प्रस्ताव को पिछले दो वर्षों से अमेरिकी सैन्य प्रशिक्षण और साजो सामान देने की प्रमुख रिपब्लिकन सेन जॉन मैक्केन सहित कई सांसदों की मांग का जवाब भी माना जा रहा है.प्रशिक्षण देने के लिए तैयार रहेगी अमेरिकी सेना


हालांकि कुछ चुनिंदा विद्रोही समूहों को जार्डन में सीआइए संचार उपकरणों और खाड़ी देशों द्वारा उपलब्ध कराए गए हथियारों का प्रशिक्षण दे रही है. अमेरिकी संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मार्टिन डेंपसे कांग्रेस से कह चुके हैं कि जरूरत पडऩे पर अमेरिकी सेना सीरियाई विद्रोहियों को और प्रशिक्षण देने के लिए तैयार रहेगी. सैन्य कार्रवाई के प्रस्ताव पर कांग्रेस में प्रक्रिया तेज

इस बीच, सीरिया की बशर अल असद सरकार के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के प्रस्ताव पर कांग्रेस में प्रक्रिया तेज हो गई है. उम्मीद है कि हाउस ऑफ रिपे्रजेंटेटिव और सीनेट में अगले सप्ताह के शुरू में बहस और मतदान हो सकता है. अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा है कि यदि सीरिया पर हम अपने कदम पीछे खींच लेते हैं तो यह इस्लामी कट्टरपंथियों को ही सशक्त बनाएगा. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने पोप फ्रांसिस के उस बयान का स्वागत किया है जिसमें उन्होंने सीरिया मसले पर शांति वार्ता और समझौते की अपील की है. हमले की आशंका से सीरिया से पलायन तेजसीरिया पर अमेरिकी हमले की प्रबल आशंका के मद्देनजर राजधानी दमिश्क से नागरिक अपना बोरिया बिस्तर समेट पलायन कर रहे हैं. लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें असद सरकार पर पूरा भरोसा है और उन्होंने खुद को किस्मत के सहारे छोड़ दिया है. चित्रकार दीमा कहती हैं कि उन्हें विश्वास है कि राष्ट्रपति बशर अल असद उनकी रक्षा करेंगे. संदिग्ध रासायनिक हमले के बावजूद ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने असद का ही पक्ष लिया. लेबनान में एक सहायता समूह ने बताया कि 21 अगस्त की घटना के बाद से प्रतिदिन 80 से 120 परिवार सीरिया से पलायन कर रहे हैं.

Posted By: Satyendra Kumar Singh