अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थन किया है लेकिन पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद को लेकर उसको खूब लताड़ा भी है। अमेरिका ने कहा है कि भारत-पाक वार्ता में आतंकी एक बड़ा बाधा हैं जो सीमा पार हमले को अंजाम देते हैं और पाकिस्तान हमेशा उनका सपोर्ट करता है।


वाशिंगटन (पीटीआई)। अमेरिका ने कहा है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करता है लेकिन सीमा पार आतंकवाद पर आतंकी समूहों को पाकिस्तान का निरंतर समर्थन इस वार्ता के मुख्य बाधा हैं। दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की अमेरिकी कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री एलिस जी वेल्स ने कहा, 'हमारा मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत तनाव कम करने की सबसे अधिक क्षमता रखता है। 2006-2007 के दौरान, भारत और पाकिस्तान ने कश्मीर सहित कई मुद्दों पर महत्वपूर्ण प्रगति की। इतिहास हमें दिखाता है कि क्या संभव है। द्विपक्षीय वार्ता को फिर से शुरू करने में विश्वास की आवश्यकता होती है और सीमा पार आतंकवाद में लिप्त चरमपंथी समूहों के लिए पाकिस्तान का निरंतर समर्थन इसमें मुख्य बाधा हैं।'एफएटीएफ और आइएमएफ की सख्ती से बचने के लिए पाकिस्तान अब लगाएगा ट्रंप से गुहार
पाकिस्तान करेगा आतंकियों पर कार्रवाई तभी वार्ता संभव


वेल्स ने कहा कि अमेरिका प्रधानमंत्री इमरान खान के हालिया बयान का स्वागत करता है, जिसमें कहा गया था कि कश्मीर में हिंसा करने वाले पाकिस्तान के आतंकवादी कश्मीरियों और पाकिस्तान दोनों के दुश्मन हैं। इसके बाद पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए वेल्स ने कहा, 'लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद जैसे आतंकवादी समूहों का पाकिस्तान साथ दे रहा है, जो नियंत्रण रेखा के पार हिंसा भड़काने का काम करते हैं, पाकिस्तानी अधिकारियों को जवाब देना होगा।' उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी मुद्दे पर सफल वार्ता तभी संभव है, जब पाकिस्तान अपने यहां रह रहे सभी आतंकियों पर सख्त कार्रवाई करेगा। वेल्स ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री माइक पोंपियो दोनों ने अपने भारतीय और पाकिस्तानी समकक्षों के साथ कई बार मुलाकात की और बातचीत के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हर तरह कदम उठाए।

Posted By: Mukul Kumar