उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को कानपुर में 'कानपुर मेट्रो' का ट्रायल रन शुरू किया है। कानपुर मेट्रो रेल परियोजना का निर्माण कार्य योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा 15 नवंबर 2019 को शुरू किया गया था।

लखनऊ (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के कानपुर को सीएम योगी ने बुधवार को एक बड़ी साैगात दी है। न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्वीट के मुताबिक सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के प्राथमिक सेक्शन (IIT कानपुर-मोतीझील) में मेट्रो ट्रेन के ट्रायल रन की बटन दबाकर शुरुआत की। मेट्रो ट्रेन के ट्राॅयल शुभारंभ के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक-डेढ़ महीने में मेट्रो की सुविधा शुरू हो जाएगी। पहले फेज में लगभग 9 किलोमीटर का कार्य पूरा हुआ है जिसमें 9 स्टेशन हैं। इस फेज में एक बड़ी आबादी इस सुविधा का लाभ ले पाएगी। सीएम योगी ने यह भी कहा कि कानपुर में मेट्रो सेवा शुरू होने के बाद उत्तर प्रदेश पहला राज्य होगा जिसमें 5 शहरों में मेट्रो सेवा होगी।

परियोजना को दो साल से भी कम समय में पूरा किया गया
कानपुर मेट्रो रेल परियोजना का निर्माण कार्य योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा 15 नवंबर, 2019 को शुरू किया गया था। कोरोना वायरस महामारी के बावजूद कानपुर मेट्रो रेल परियोजना को दो साल से भी कम समय में पूरा किया गया है। सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार, पहले चरण में, मेट्रो नौ किलोमीटर के प्राथमिकता वाले गलियारे पर चलेगी। अब तक नौ मेट्रो स्टेशनों का निर्माण किया जा चुका है। मेट्रो के दूसरे चरण का काम मोती झील और ट्रांसपोर्ट नगर के बीच किया जाएगा, जिसके लिए अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए जाएंगे। परीक्षण अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) की सख्त निगरानी में किए जाएंगे।

कानपुर मेट्रो रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक से लैस होगी
योजना के मुताबिक, पूरी तरह से चालू होने पर छह मेट्रो ट्रेनें आईआईटी और मोती झील के बीच प्रायोरिटी कॉरिडोर पर चलेंगी और दो ट्रेनें रिजर्व के तौर पर डिपो में खड़ी रहेंगी। वाणिज्यिक परिचालन शुरू होने तक छह और ट्रेनें शहर में आ जाएंगी। कानपुर मेट्रो रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक से लैस होगी। इससे 35 फीसदी तक बिजली की बचत होगी। अगर ट्रेन के संचालन में 1000 यूनिट बिजली खर्च की जाती है, तो रीजेनरेटिव ब्रेकिंग के जरिए ट्रेनें फिर से लगभग 350 यूनिट बिजली पैदा करेंगी। इसे फिर से उपयोग में लाया जाएगा। स्टेशनों और डिपो में स्थापित लिफ्ट भी पुनर्योजी ब्रेकिंग तकनीक द्वारा ऊर्जा बचाने में सक्षम होंगे।

मेट्रो परिसर को भी एलईडी लाइट से सजाया गया है
इनकी ऊर्जा दक्षता 37 प्रतिशत तक होगी। ऊर्जा और बिजली के संरक्षण के लिए मेट्रो परिसर को भी एलईडी लाइट से सुसज्जित किया गया है। इसके अलावा मेट्रो डिपो और स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाने की योजना भी तैयार की गई है। भारत में पहली बार कानपुर मेट्रो थर्ड रेल डीसी ट्रैक्शन सिस्टम के साथ आएगी। विशेष इन्वर्टर, जो ट्रेन में ब्रेक से उत्पन्न ऊर्जा को सिस्टम में वापस उपयोग करने में सक्षम करेगा। अभी तक देश में किसी भी मेट्रो रेल परियोजना में ऐसी कोई व्यवस्था लागू नहीं की गई है। यह ट्रेन पर्यावरण की सुरक्षा और सुरक्षा प्रबंधन के लिहाज से भी खास है।

Posted By: Shweta Mishra