उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक करोड़ लोगों को नौकरी देने जा रहे हैं। वह 26 जून को इसकी घोषणा करेंगे। एक साथ इतनी नौकरियां देने वाला यूपी देश का पहला राज्य बन जाएगा।


लखनऊ (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 जून को एक करोड़ लोगों के लिए रोजगार की घोषणा करेंगे। इसी के साथ राज्य के नाम एक रिकाॅर्ड दर्ज हो जाएगा। एक साथ इतने लोगों को नौकरी देने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन जाएगा। सीएम योगी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत बेराजगारों को नौकरी देंगे। लॉकडाउन के दौरान राज्य में लौटने वाले प्रवासी मजदूर इसके प्रमुख लाभार्थी होंगे। पीएम नरेंद्र मोदी भी जुड़ेंगे वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग से


पीएम नरेंद्र मोदी वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य-स्तरीय आयोजन में भाग लेंगे। इन नौकरियों में सबसे ज्यादा योगदान (MGNREGS) का होगा। उत्तर प्रदेश में बनने वाली कुल नौकरियों में से लगभग 50 प्रतिशत रोजगार इस योजना के अंतर्गत हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से उत्तर प्रदेश में लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों की कौशल मानचित्रण करने के लिए कहा था ताकि उन्हें उनके कौशल के अनुसार काम प्रदान किया जा सके। यूपी में 1.8 करोड़ MGNREGS जॉब कार्डधारी

सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, उत्तर प्रदेश में लगभग 1.80 करोड़ MGNREGS जॉब कार्डधारी हैं। उनमें से, 85 लाख सक्रिय हैं। जिनके पास काम नहीं हैं, उन्हें अब रोजगार मिलेगी। इसमें नदियों के जीर्णोद्धार, ग्रामीण सड़कों के निर्माण, तालाबों की खुदाई और वृक्षारोपण अभियान के लिए गड्ढे खोदने और अन्य ऐसे काम ग्रामीण रोजगार योजना के तहत लिस्ट किए गए हैं ताकि लोगों को काम मिल सके। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा,, "हम MGNREGS के तहत प्रदान की जा रही नौकरियों के अलावा अन्य प्रमुख विभागों के साथ काम कर रहे हैं। सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (MSME) विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, बागवानी विभाग और एक्सप्रेसवे का निर्माण करने वाली एजेंसियां। ये सभी अधिक नौकरियों के निर्माण में भी बड़े पैमाने पर योगदान करते हैं।'लाॅकडाउन में यूपी में 35 लाख मजदूर लौटेगौरतलब है कि राष्ट्रीय रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (NAREDCO) की राज्य इकाई विभिन्न रियल एस्टेट परियोजनाओं में राज्य से जुड़े एक लाख मजदूरों को रोजगार देगी। इसके अलावा, NAREDCO-UP ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ एक प्रारंभिक संधि पर हस्ताक्षर किए है। जिसमें राज्य में वापस आए प्रवासी मजदूरों को अपनी अचल संपत्ति परियोजनाओं में रोजगार प्रदान करने की पेशकश की गई है। बता दें इस कोरोना संकट में लगे लाॅकडाउन के चलते पिछले हफ्ते तक लगभग 35 लाख प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में लौटे हैं।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari