शहर में बेपटरी ट्रैफिक के पीछे सबसे बड़ी वजह ट्रैफिक सिग्नल है. 25 करोड़ से अधिक की लागत से शहरभर में लगाए गए ट्रैफिक कई जगह खराब पड़े हैं. अगर कहीं लाइट जलती भी है तो प्रॉपर वर्क नहीं करती. इसके चलते जाम की स्थिति बनी रहती है.

आगरा(ब्यूरो)।शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए अधिकतर कैमरे पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी शोपीस बन गए हैं। जिन पब्लिक एड्रेस सिस्टम की कोरोनाकाल में पब्लिक को अवेयर करने के लिए गूंज सुनाई देती थी, वह अब शांत पड़े हैं। वहीं चौराहों पर सर्विलांस के लिए अधिकतर कैमरे भी आउट ऑफ फोकस दिखाई पड़ते हैं।

पिछले पांच वर्षों में लगाए गए उपकरण
63 चौराहों पर लगाए गए ट्रैफिक लाइट
43 चौराहों पर आईटीएमएस कैमरे
43 चौराहों पर पीए सिस्टम
25.26 करोड़ किए जा चुके हैं खर्च


साईं का तकिया चौराहा
प्रतापपुरा
कोठी मीना बाजार
स्पीड कलर लैब, एमजी रोड
मधुनगर
सुभाष पार्क
मारुति एस्टेट
रामनगर की पुलिया
दीवानी क्रॉसिंग

क्या है आईटीएमएस
इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के तहत ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम, निगरानी कैमरा, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन सिस्टम, रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम, स्पीड वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम, वेरिएबल मैसेज साइन बोर्ड, सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली (पब्लिक एड्रेस सिस्टम), इमरजेंसी कॉल बॉक्स सिस्टम को इंस्टॉल किया जाता है। इस सिस्टम के प्रभावी कार्य करने से प्रोजेक्ट से ट्रैफिक कंट्रोल करने में मदद के साथ आपराधिक गतिविधियों पर भी निगरानी की जा सकती है।


वर्ष 2004-05 से अब तक शहर में चार से पांच बार ट्रैफिक लाइट बदली जा चुकी हैं। पिछले पांच वर्ष में ट्रैफिक लाइट और आईटीएमएस के तहत 25 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। इस पैसे की बर्बादी को रोकना चाहिए। हमें इस तरह ट्रैफिक प्लान तैयार करना चाहिए, जिससे ट्रैफिक लाइट की जरूरत कम से कम पड़े। अगर अधिक ट्रैफिक लाइट्स होंगी, तो ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की जरूरत भी हमें अधिक होगी, जो पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। इसी का असर है कि अधिकतर चौराहों पर आपको ट्रैफिक सिग्नल की सिर्फ पीली लाइट जलती हुई मिलेगी।
डॉ। संजय चतुर्वेदी, एक्टिविस्ट


शहर की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव अधिक है। सड़कें संकरी हो रही हैं। मेन चौराहों को छोड़ दें तो अधिकतर चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल खराब पड़े हैं। जहां ट्रैफिक सिग्नल दुरुस्त हैं, वहां भी इनका पालन नहीं किया जाता है। इसके पीछे वजह है पुलिस का लापरवाही भरा रवैया। पुलिस इस ओर सख्ती दिखाए तो ट्रैफिक सिग्नल का प्रॉपर पालन हो सकेगा।
डॉ। देवाशीष भट्टाचार्य, एक्टिविस्ट

Posted By: Inextlive