-युवा अधिवक्ता संघ ने पीडि़तों की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए पैनल बनाया

आगरा : श्री पारस अस्पताल प्रकरण में पीडि़तों को इंसाफ दिलाने के लिए निशुल्क कानूनी लड़ाई लड़ रहे युवा अधिवक्ता संघ ने गुरुवार को दीवानी चौराहे पर चौ। चरण सिंह पार्क में सांकेतिक धरना दिया। इसमें पीडि़त भी शामिल हुए।

वकीलों ने बनाया पैनल

श्री पारस अस्पलाल में मौत की माकड्रिल का सात जून को इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ था। इसमें 22 मरीजों की मौत होने की जानकारी दी जा रही थी। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने अस्पताल संचालक डॉ। अ¨रजय जैन के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था। युवा अधिवक्ता संघ ने पीडि़तों की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए पैनल बनाया है। पैनल ने पुलिस-प्रशासन द्वारा अब तक की गई कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। प्रशासन से पांच सवाल भी पूछे हैं।

पैनल के सवाल

एक : दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 39 में जनता को महत्वाकांक्षी अपराधों की सूचना देने का अधिकार दिया गया है। पुलिस वीडियो वायरल करने वाले को क्यों ढूंढ रही है?

दो : जब डाक्टर द्वारा 384 आइपीसी (चौथ वसूली) के अंतर्गत कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं कराया गया है तो पुलिस किस आधार पर महामारी एक्ट के मुकदमे में चौथ वसूली की धारा जोड़ रही है?

तीन : भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 126 अपठित कहती है कि कोई भी व्यक्ति या लोक सेवक यह बताने केलिए बाध्य नहीं किया जाएगा कि उसे अपराध होने या किए जाने की सूचना कहां से प्राप्त हुई?

चार: भारत के संविधान में वर्णित अनुच्छेद 32 एवं 226 में कहा गया है कि कोई भी जनसमूह या संगठन मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए कदम उठा सकता है, न्यायालय जा सकता है। अधिवक्ताओं का पैनल भी पीडि़तों के लिए यही कार्य कर रहा है?

पांच : संविधान के अनुच्छेद 21 में वर्णित स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य साधनों को बनाए रखने का अधिकार है। इसका उल्लंघन किसी भी रूप में नहीं किया जा सकता, तो प्रशासन द्वारा ऑक्सीजन की कमी छिपाई जाने का कार्य क्यों किया गया?

वायरल वीडियो में संचालक ने स्वयं यह बात कही है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण मॉकड्रिल की गई। मरीजों की ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर दी गई और 22 लोग छंट गए। संवैधानिक एवं मौलिक अधिकारों के उल्लंघन में अस्पताल संचालक के खिलाफ पीडि़तों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया?

धरने में यह रहे शामिल

युवा अधिवक्ता संघ के मंडल अध्यक्ष नितिन वर्मा, संरक्षक सुनील शर्मा, अर¨वद गौतम, नरेंद्र कुमार शर्मा, उमेश कुमार वर्मा के अलावा पीडि़त अशोक चावला, क्षितिज शर्मा आदि।

Posted By: Inextlive