- सब्जी मंडी, फुटपाथ पर विक्रेता गैंग के निशाने पर

आगरा। शहर में नकली नोट चलाने वाला गैंग सक्रिय है। इस गैंग में अधिकतर युवा हैं। जो ठेल-ढकेल वालों या फुटपाथ पर फड़े लगाने वालों को अपना निशाना बना रहे हैं। मामला संज्ञान में आने के बाद आईजी रेंज ने इस कारोबार से जुड़े गैंग को चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं।

गैंग में शामिल हैं शातिर युवा

नकली नोट को चलाने में गैंग के शातिर युवाओं को महारथ हासिल है। वह नोट चलाने के साथ व्यापारी, विक्रेता को गुमराह कर निकल जाते हैं। जब ठगी का शिकार होने वाले युवक को किसी दूसरे व्यक्ति से नोट नकली होने की जानकारी मिलती है, तब तक शातिर बहुत दूर निकल चुके होते हैं। यह युवा वारदात के समय दोपहिया वाहन का इस्तेमाल करते हैं, जिसका एक नंबर मिस होता है या फिर पूरे नंबर किसी अन्य वाहन का होता है। ऐसा इसलिए कि वारदात के बाद सीसीटीवी की जद में आने पर उनकी पहचान छ़ुपी रहे।

इस तरह चलाते हैं नकली नोट

शातिर गैंग के दो युवा किसी फल मंडी, सब्जी मंडी में सौदेबाजी शुरू कर देते हैं। इसके बाद एक दूसरे से पेमेंट करने को बोलते हैं। कुछ देर तक बहस करने के बाद दोनों में से एक ऐसा नोट व्यापारी को देते हैं। जिसमें माइनर सी प्रॉब्लम होती है, जैसे हल्का रंग, नोट के कौने का एक हिस्सा कटा, गंदा नजर आता है, इससे नोट लेने वाले का पूरा फोकस उस पर चला जाता है, वह नोट नकली और असली में उस समय फर्क नहीं कर पाता है। शातिरों के जाने के बाद जब वह नोट अन्य किसी व्यक्ति को देता है तब नोट लेने वाले को ठगी का अहसास होता है।

केस1

दो हजार के नकली नोट से खरीदे फल

सदर थाना क्षेत्र के अंतर्गत मुस्तफा क्वार्टर निवासी श्योराज सिंह कैंट स्टेशन रोड पर फलों की दुकान लगाते हैं। उन्होंने बताया कि दो युवा उनके पास फल खरीदने स्कूटी से आए थे, दोनों ने अनार और आम के दाम ठीक लगाने को कहा। इसके बाद रुपए देने के नाम पर एक दूसरे से बहस करते रहे। कुछ देर बाद एक युवक ने दो हजार का नकली नोट थमा दिया। फल देकर विक्रेता ने बची रकम वापस कर दी। बाद में पता लगा कि नोट नकली था।

केस.2

नकली नोट देकर नर्सरी से खरीदे पेड़

पिछले दिनों रामबाग चौराहे पर दो युवक एक नर्सरी पर पहुंचे। अयूब नाम के व्यक्ति ने 100 रुपए के पौधे दिए, इसके बदले युवकों ने पांच सौ रुपए दिए। अयूब ने 400 रुपए वापस कर दिए। बाद में युवकों के जाने पर नोट नकली होने की पता लगा।

मार्केट में व्यापारी रखें सावधानी

-व्यापारी दें संदिग्ध की सूचना पुलिस को

-नोट में फाइव सिक्यूरिटी फीचर्स का रखें ध्सान

-अधिक ट्रांजेक्शन पर घर में रख सकते हैं स्कैनर

- ठगी का शिकार होने पर तत्काल संबंधित थाने में करें कंप्लेन

नकली नोट की पहचान इस तरह करें

-सिक्योरिटी थ्रेट

सिक्योरिटी थ्रेट भारतीय नोट को एक अलग पहचान देता है। जब आप नोट को ध्यान से देखोगे तो आपको पता चलेगा कि इसमें आरबीआई और भारत लिखा है। नोट को टेढ़ा करने पर रंग परिवर्तन होता है।

महात्मा गांधी का वाटरमार्क

जब आप नोट को हल्की रौशनी में देखोगे तो आपको असली नोट पर महात्मा गांधी वाटरमार्क में नजर आएंगे। जबकि नकली पर पर वाटरमार्क संभव नहीं है।

नोट पर अंकों का छिपा होना

जब आप नोट को 45 डिग्री के कोण पर झुकाकर देखते हो तो नोट की फ्रंट साइड पर बाएं तरफ एक बॉक्स दिखाई देगा, जिसमें नोट की कीमत के गणतीय अंक लिखे होते हैं।

मुद्रा का अंकित होना

जिस तरह नोट पर गांधी जी की फोटो नजर आती है उसी तरह मुद्रा सफेद जगह पर अंकित होती है। नकली नोट पर इस तरह की मुद्रा आपको दिखाई देगी।

ब्लीड लाइंस

पुराने नोट पर तो आपको यह लाइंस दिखाई नहीं देगी, लेकिन वर्ष 2016 के बाद से नए नोट जारी किए गए हैं, उनमें दोनों ओर विषेश पहचान की लाइन दिखाई देगी। जिसमें गवर्नर के हस्ताक्षर भी दिखाई देते हैं।

नकली नोट में लगे फाइव सिक्योरिटी फीचर से नोट की पहचान आसानी से की जा सकती है। अगर कोई इसका शिकार होता है तो संबंधित थाने में इसकी कंप्लेन कर सकता है। संदिग्ध लगने पर पुलिस कंट्रोल रूम पर भी इंफ ॉर्मेशन देने के साथ संदिग्ध की फोटो अपने मोबाइल से ले सकता है, जिससे पुलिस उस तक पहुंच सके। कंप्लेन आने पर इसकी जांच कराई जाएंगी।

नवीन अरोरा, आईजी रेंज

Posted By: Inextlive