आवास विकास परिषद के आवास खरीदना होगा महंगा
- किस्तों की संख्या घटाने की तैयारी, बढ़ेगा आर्थिक बोझ
आगरा। आवास विकास परिषद की योजनाओं में घर खरीदने का सपना संजोने वालों के लिए यह बुरी खबर हो सकती है। वजह साफ है, परिषद ने रूल चेंज कर दिए हैं। नई गाइडलाइन में घर लेने वाले को अब कम किस्तों में ही भुगतान करना होगा। यानी उसे अपनी जेब से ज्यादा रुपये की किस्त चुकानी होगी। जो सीधे तौर पर लोगों के बजट को बिगाड़ कर रख देगी। नए आवासों पर होगा लागू आवास विकास परिषद ने 30 साल बाद गाइडलाइन चेंज की है। फिलहाल इस पर शासन की मुहर लगना शेष है। आवास विकास की नियमावली यदि शासन में पास हो जाती है तो आने वाले समय में जितनी भी योजनाएं आवास विकास की होंगी। उनमें नई नियमावली के आधार पर ही रुल्स लागू किए जाएंगे। 240 के बजाय होंगी 180 किस्तआवास विकास के आवास कि किस्त जमा करने के लिए अब तक लोगों को 240 किस्तों में आवास का पेमेन्ट करना पड़ता था, लेकिन नई नियमावली के अनुसार अब लोगों को 180 किस्तों चुकाना पड़ेगा। जिसके बाद किस्त जमा करने वालों की जेब पर और बजट का भार बढ़ जाएगा।
कम आय वालों से दूर होगा सपनाऐसे लोग जिनकी आय कम है। आवास का सपना ऐसे लोगों से दूर हो सकता है। जिस व्यक्ति की आय बीस हजार रुपए है, उसे घर का खर्च चलाने के लिए अपने खर्च में कटौती करनी पड़ सकती है।
नामांतरण शुल्क प्रॉपर्टी बेचने के लिए नामांतरण शुल्क कुल लागत का करीब 50 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत किया जाएगा। आय सीमा बढ़ी ईडब्लूएस - एक लाख 8400 एलआईजी - दो लाख 18000 एमआईजी - कोई सीमा नहीं 30 हजार ये हो सकते हैं बदलाव - स्वतंत्रता सेनानी, खिलाड़ी, विधायक, सांसद, आवास विकास के कर्मचारी-अधिकारी के सीधे आरक्षण के दायरे से बाहर होने से योजनाओं में फ्लैट्स आरक्षण 66 प्रतिशत से घटाकर 50 प्रतिशत हो जाएगा। - विकलांग को 3 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने पर भी विचार किया जा रहा है। इन्हें भूखंड या भवन की लागत में 20 प्रतिशत तक छूट का प्रावधान किया जा रहा है। - ईडब्ल्यूएस मकानों का कब्जा कीमत के 25 प्रतिशत के बजाय 10 प्रतिशत पर मिलेगा। - किस्तों की संख्या 240 से घटाकर 180 करने की तैयारी है। - लॉटरी में नाम न आने पर आवंटियों को एक महीने में पंजीकरण शुल्क वापस किया जाएगा। साल भर से अधिक समय होने पर 4 प्रतिशत ब्याज भी दी जाएगी।- किस्तों में देरी होने पर ब्याज 15 से 24 प्रतिशत से घटाकर 9.5 से लेकर 11.50 प्रतिशत तक होगी।
- दंड ब्याज की दर भी 6 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत किए जाने का विचार है। - खून के रिश्तों के तहत प्रॉपर्टी ट्रांसफर अब केवल पति-पत्नी ही कर सकेंगे। बाकी रिश्तों में पूरा स्टांप शुल्क जमा करना होगा। - एक ही योजना में समायोजन के लिए अब 1 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक शुल्क जमा करना होगा। पहले हर केस में 10 प्रतिशत दर तय थी।