बॉर्डर के थाना प्रभारियों को रात में कॉम्बिंग करने के दिए निर्देश पुरानी वारदातों में शामिल बावरिया गैंग का खंगाल रही रिकॉर्ड

आगरा( ब्यूरो)। सर्दी की आहट होते ही बावरिया गैंग की दस्तक भी सुनाई देने लगती है। जिले के शहर और देहात क्षेत्र में सक्रिय बावरिया पूर्व में भी लूट और डकैती की वारदात को अंजाम दे चुके हैं। वहीं गुलाबी ठंड के मौसम मेें बावरिया गैंग अधिक एक्टिव हो जाते हैं। इस संंबंध में एसएसपी ने गुरुवार को आउट एरिया के थाना प्रभारियों को अलर्ट जारी करते

शगुन से निकलते हैं वारदात पर
शैलेष सिंह प्रभारी साइबर सेल आईजी रेंज ने बताया कि बावरिया गैंग पिछले कई दशकों से सक्रिय है। इस गैंग की खासियत यह है कि गैंग के सभी सदस्य सामूहिक रूप से अपराध करते है। गैंग के सभी मेम्बर कम कपड़ों में वारदात को अंजाम देते है। उनके हाथों में हथियार के नाम पर केवल लाठी ही होती थी, जिसे स्पेशली तैयार किया जाता है। सबसे अजीब बात यह है कि जिस मकान में वारदात को अंजाम देते थे वहां पर वे शौच जरूर करते थे। अंधविश्वासी इतने कि अगर घटना को अंजाम देने निकलते थे और कुत्ते के रोने की आवाज सुन लेते थे तो वारदात को टाल देते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि वारदात वाले घर में वे खून जरूर बहाते है। खून को काफी शुभ मानते है।

बदल दिया वारदात का तरीका

समय बदलने के साथ ही बावरिया गैंग ने वारदात करने का तरीका भी बदल दिया है। हालांकि गैंग अब भी संगठित रूप से वारदात को अंजाम देता है। गैंग के मेम्बर जींस टीशर्ट में दिखते हैं। अब पिस्टल और बम भी रखते हैं, लेकिन पुराने हथियारों को भूले नही ंहैं। लेकिन खून बहाना आज भी उनकी फितरत में शामिल है। लग्जरी गाडिय़ों के साथ वे लोडर का यूज करते हैं, ताकि लूट का सामान लेकर भाग सकें।

समय के साथ बदली कार्यशैली
चांद की करते है पूजा बावरिया गैंग चांद की पूजा करते हैं। वे रात के अंधेरे में वारदात को अंजाम देते है। शायद यही वजह है कि वे चांद की पूजा करते हैं। बावरिया गैंग की कार्यशैली के साथ-साथ जीवन शैली भी बदल गई है। अब वह रोड किनारे टेंट लगाकर नहीं रहते, बल्कि किराए पर फ्लैट और मकान लेकर रहते हैं।

वारदात के बाद पैदल ही गायब होते हैं।
वारदात बावरिया गैंग जिस एरिया में वारदात करते है, उसके आसपास इलाके में पांच दिन के भीतर दोबारा अटैक करते है। अधिक तर वारदात हाईवे और बाहरी एरिया में करते है। वारदात को अंजाम देकर वे पैदल ही गायब हो जाते हैं। पहले से ही रोड पर तैयार खड़ी गाडिय़ों में बैठकर सीमा को क्रॉस कर जाते हैं।

वेशभूषा बदलकर करते है रैकी
बावरिया गैंग के सदस्य गुलाबी सर्दी की आहट होते ही वेश बदलकर रैकी शुरू कर देते हैं। इस दौरान टारगेट को तय कर सामूहिक रूप से घटना को अंजाम देकर कीमती सामान और जेवर लूट लेते हैं। इस दौरान गैंग के सभी सदस्य सबसे बुजुर्ग के दिशा निर्देश को फॉलो करते हैं। अगर, गैंग के मुखिया द्वारा वापस लौटने के लिए कहा जाता है तो बिना किसी सवाल के सभी सदस्य उसको फॉलो करते हैं।

बार्डर के थाना प्रभारी रहेंगे अलर्ट
एसएसपी सुधीर कुमार ने इस बार बावरिया गैंग को घेरने की रणनीति तैयार की है, जिसमें बार्डर के सभी थाना प्रभारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि बावरिया गैंग के सदस्य आसपास के जिलों से आगरा में प्रवेश करते हैं। आगरा से सटी सीमा एमपी, राजस्थान के बार्डर से प्रवेश करने के बाद वारदात को अंजाम देते हैं।

भरतपुर और मथुरा सीमा पर नजर
पुलिस ने मथुरा और भरतपुर की सीमा पर निगरानी रखना शुरू कर दिया है। रात के अंधेरे में पुलिस की टीम द्वारा कॉम्बिंग की जा रही है। जिससे बावरिया गैंग को रोका जा सके। पूर्व में मथुरा के हाथिया गांव में छापामार कार्रवाई के दौरान एक पुलिस अधिकारी हत्या कर दी गई थी, वहीं भरतपुर के बसई मे इलाके मेें भी अक्सर गतिविधि रहती है।

जिले में पुलिस थानों की स्थिति
-जिले में कुल पुलिस स्टेशन
44 थाने
-शहर में पुलिस स्टेशन
17
-देहात क्षेत्र के थाने
27
-बार्डर की सीमा पर थाने
08


सर्दी के मौसम में बावरिया गैंग एक्टिव होता है, इसको ध्यान में रखते बार्डर के थानों को प्रभावी रूप से गश्त करने के निर्देश दिए हैं, वहीं पुराने बावरिया गैंग का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है, यह भी जानकारी जुटाई जा रही है कि कौन जेल में है और कौन बाहर, वर्तमान में कर्हं एक्टिव हैं। इस संबंध में टीम को दिशा निर्देश जारी किए हैं।
सुधीर कुमार सिंह, एसएसपी

Posted By: Inextlive