मामला सुर्खियों में आने के बाद पहुंचे गांव में पहुंचे एसडीएम

चंगाई सभा को बताया कीर्तन, सभा के नाम पर मिलता था धन

टूंडला: नगला तुलसी में धर्मातरण का मुद्दा उछलने के बाद प्रशासन की भूमिका पर उंगलियां उठ रही हैं। एसडीएम ने सोमवार को गांव का निरीक्षण किया, लेकिन चंगाई सभा को कीर्तन बताकर मामले को दबाने का प्रयास किया। उधर इस खेल से जुड़े लोग भूमिगत हो गए हैं। चंगाई सभा कराने वाली महिलाएं गांव में नजर नहीं आईं।

एक वर्ष से बढ़ रही थी सक्रियता

नगला तुलसी में ईसाई धर्म के प्रवर्तकों की सक्रियता गत एक वर्ष से बढ़ी हुई थी। चंगाई सभा के नाम पर अनपढ़ महिलाओं को प्रार्थना सभा में बुलाया जाता। ईसाई प्रचारक महिलाएं रोग ठीक होने का दावा करतीं। इससे अनपढ़ तबके की प्रार्थना सभा एवं ईसाई धर्म में आस्था बढ़ती गई। इसी दौरान महिलाओं को बाइबल उपहार में दीं।

एसडीएम ने किया इनकार

सोमवार को उपजिलाधिकारी टूंडला श्रीराम यादव ने नगला तुलसी पहुंचकर मामले की जांच की। उन्होंने महिलाओं और गांव के लोगों से भी बात की। इसके बाद उन्होंने धर्मातरण के प्रयास से इनकार किया।

बरहन के गांव से आती थी महिला

नगला तुलसी में ईसाई धर्म की सीख देने में थाना बरहन के नगला परिहार की महिला की बड़ी भूमिका है। फूलवती नाम की इस महिला ने नगला तुलसी की दर्जनों महिलाओं को रुपयों का लालच देकर खुद के साथ जोड़ा था। सबसे पहले चंगाई सभा की शुरुआत भी फूलवती ने कराई। इसके बाद सभाएं कराने के लिए बाकायदा रुपये भी दिए जाते। इस बीच चंगाई सभा कराने वाली कई महिलाएं सोमवार को गायब हो गईं।

नारखी तक नेटवर्क

चंगाई सभा के आयोजन में नारखी के गांव आसलपुर के भी कुछ लोगों का हाथ है। नगला तुलसी का राजू बताता है रविवार को गांव आसलपुर से आधा दर्जन लोग आए थे। उन्होंने 25 दिसंबर को आसलपुर में प्रभु का जन्मदिवस मनाने की बात कही थी।

नहीं पढूंगी बाइबिल, मां को कुछ न हो

सोमवार से सीमा घर से गायब है। ऐसे में बेटी रोली का रो-रोकर बुरा हाल है। रोली कहती है अब हम बाइबल नहीं पढ़ेंगे, लेकिन मां को कुछ नहीं होना चाहिए। तहसील से आने वाले जेल भेजने की धमकी दे गए हैं।

Posted By: Inextlive