आगरा। शहर के हर कोने में टॉयलेट का निर्माण कराया जाएगा। जो भी टॉयलेट बंद हैं, उनको जल्द शुरू कराया जाएगा। इसके लिए तेजी से प्रयास किए जाएंगे। ये बातें विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने कहीं। वह बुधवार को लेडीज टॉयलेट की समस्या को लेकर महिलाओं के सवालों के जवाब दे रहे थे। परिचर्चा का आयोजन दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ऑफिस में किया गया।

पार्क के आसपास नहीं टॉयलेट

परिचर्चा की शुरूआत में निधि बेदी ने कहा कि मैं रोज सुबह जयपुर हाउस स्थित पार्क में मॉर्निग वॉक के लिए जाती हूं। वहां पर कई अन्य महिलाएं भी आती हैं। योगा कैंप भी लगता है। बावजूद इसके यहां आसपास कोई टॉयलेट नहीं है। पार्क के आसपास टॉयलेट निर्माण को लेकर कई बार प्रयास भी किया। लेकिन आसपास रहने वाले जनप्रतिनिधि ही इस ओर कोई ध्यान नहीं देते। जब भी उनसे इस समस्या के लिए कहा, हमेशा हंसकर टाल दिया। ऐसे में महिलाओं को राहत कैसे मिलेगी।

मेंटीनेंस पर भी ध्यान देने की जरूरत

टीचर निधि श्रीवास्तव ने शहर में बदहाल टॉयलेट की स्थिति का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सिर्फ टॉयलेट निर्माण उद्देश्य नहीं होना चाहिए, बल्कि उनके प्रॉपर मेंटीनेंस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। शहर में बना कोई भी पिंक टॉयलेट देख लीजिए, सभी के गेट सड़क पर खुलते हैं। जबकि लेडीज टॉयलेट में आड़ होनी चाहिए। इसके साथ ही वेंटीलेशन और रात में लाइटिंग की व्यवस्था भी होनी चाहिए।

तब तक नहीं होगा इस्तेमाल

समाजसेवी शबाना खंडेलवाल ने कहा कि लेडीज टॉयलेट जब तक साफ-सुथरे नहीं होंगे, तब तक महिलाएं इनका इस्तेमाल कैसे कर सकेंगी। इसके लिए जरूरी है कि इनके मेंटीनेंस की ओर प्रॉपर ध्यान दिया जाए। हम तो पहले ही कह चुके हैं कि अगर संबंधित विभाग इनका मेंटीनेंस नहीं करा पा रहा है, तो दो-दो टॉयलेट सभी संस्थाओं को दे दिए जाएं। इसके साथ ही टॉयलेट के आसपास से अतिक्रमण हटाना भी जरूरी है। अगर कोई ठेल-ढकेल टॉयलेट के आसपास लगी होगी और वहां लोगों का जमघट होगा, तो भला कैसे कोई महिला टॉयलेट में जा सकेगी।

टॉयलेट में बना रखा है आवास

लॉ स्टूडेंट आकांक्षा गुप्ता ने कहा कि कैलाशपुरी चौराहा से हरीपर्वत चौराहे तक सिर्फ एक स्थान पर टॉयलेट है। वह भी मानसिक आरोग्यशाला के पास। यहां भी एक परिवार रहता है। ऐसे में कोई महिला कैसे टॉयलेट का इस्तेमाल करेगी। एक्टिविस्ट श्रवण कुमार ने कहा कि अब समस्या से ज्यादा इनके समाधान पर जोर देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान कराना चाहिए।

बॉक्स

मेरी छह साल की बेटी डर के चलते नहीं जाती बाजार

अर्चना यादव ने कहा कि मेरी छह साल की बेटी है। मैं जब भी राजामंडी या अन्य किसी बाजार में जाती हूं, तो वह नहीं जाती। वह जाने में डरती है। उसे बस यही डर रहता है कि मम्मी बाहर टॉयलेट जाना पड़ा तो मैं कहा जाऊंगी। अर्चना ने कहा कि जब बच्चों को इस कदर समस्या है, तो समझना मुश्किल नहीं है कि आज की ये समस्या कितनी भीषण है। तभी अंजलि खंडलेवाल अपनी बात रखते हुए कहती हैं कि कमलानगर शहर का पॉश एरिया है। लेकिन, वहां भी कहीं टॉयलेट नहीं है। बाजार में खरीदारी के लिए आने वाली महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शिक्षक राजीव वर्मा ने कहा कि कमलानगर एरिया में पब्लिक टॉयलेट की बहुत बड़ी समस्या है। यहां घूमने आने वाले लोगों को भी टॉयलेट की समस्या से जूझना पड़ता है।

'तय की जाएगी जवाबदेही'

विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने कहा कि ये समस्या बहुत बड़ी है। इस समस्या का समाधान भी जल्द से जल्द होना चाहिए। मैं शहर के हर कोने में टॉयलेट निर्माण कराने के लिए तैयार हूं। जहां भी जगह की दिक्कत है, वहां सरकारी विभागों से को-ऑर्डिनेशन किया जाएगा। शहर में कई जगह सरकारी विभागों की जमीन है। जिनका कोई यूज भी नहीं हो रहा है। वहां अगर थोड़ी सी जमीन मिल जाए, तो हम टॉयलेट निर्माण कराने को तैयार हैं। साथ ही टॉयलेट का मेंटीनेंस भी एक प्रमुख समस्या है। इसके लिए जरूरी है कि क्षेत्र के हिसाब से सेनेटरी इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी तय की जाए। जिससे टॉयलेट की प्रॉपर साफ-सफाई के साथ जवाबदेही भी तय हो सकेगी। उन्होंने परिचर्चा के दौरान कहा कि जब तक इस समस्या का समाधान नहीं होगा, तब तक हम चैन से न बैठेंगे, न बैठने देंगे। उन्होंने परिचर्चा में शामिल लोगों की ओर देखते हुए कहा कि सिर्फ नैतिक सहयोग से काम नहीं चलेगा, बल्कि सक्रिय सहयोग की जरूरत है।

ये आए सुझाव

- लेडीज टॉयलेट के गेट पर आड़ होनी चाहिए।

- टॉयलेट में वेंटीलेशन की भी व्यवस्था होनी चाहिए।

- लाइटिंग भी प्रॉपर हो, जिससे रात में दिक्कत न हो।

- महिला टॉयलेट का स्पेस काफी कम है, इसे बढ़ाया जाए।

- टॉयलेट पर सेनेटरी इंस्पेक्टर का मोबाइल नंबर दर्ज हो।

- पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।

- गंदगी मिलने पर चालान भी किया जाए।

- टॉयलेट ढूंढ़ने में दिक्कत न हो, इसके लिए संकेतक लगाएं।

- महिला टॉयलेट की ऊंचाई भी बढ़ाई जाए।

Posted By: Inextlive