आगरा में भीषण गर्मी में साथ छोड़ने लगीं सबमर्सिबल
- गढ़ी भदौरिया के सरस्वती नगर में गहराया पेयजल संकट
- जनप्रतिनिधि से गुहार के बाद भी समस्या का नहीं समाधान आगरा। गढ़ी भदौरिया का सरस्वती नगर नगर निगम की सीमा में जरूर है। लेकिन नगर सीमा में होने के साथ मिलने वाली सुविधाओं से अछूता है। यहां पर न तो जल संस्थान की पाइप लाइन है और न ही पानी सप्लाई की अन्य कोई व्यवस्था। अब तक यहां के लोग भूमिगत जल पर निर्भर थे, लेकिन जल स्तर गिर जाने के कारण सबमर्सिबल लटक गई हैं। अब सबमर्सिबल की बोरिंग फेल हो रही हैं। ऐसे में गढ़ी भदौरिया में पानी का संकट गहरा गया है। इस संकट से क्षेत्रीय विधायक योगेंद्र उपाध्याय को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन उनसे अभी तक केवल आश्वासन ही मिला है। लगातार गिर रहा जलस्तरगढ़ी भदौरिया का वार्ड-22 भीषण पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में पानी की पाइपलाइन नहीं हैं। ऐसे में लोगों ने सबमर्सिबल का सहारा लिया, लेकिन अब वो भी साथ छोड़ने लगी हैं। क्षेत्र में कई मकानों की सबमर्सिबल की बोरिंग या तो फेल हो चुकी है या फेल होने की राह पर है।
पानी के लिए जागते हैं रात भरयहां के लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए रातभर जागते हैं। पॉलीटेक्निक कर रहे अंशु यादव कहते हैं कि दिन में सबमर्सिबल चलाओ तो पानी की एक बूंद तक नहीं आती। ऐसे में रात में समबर्सिबल चलानी पड़ाती है। तब कुछ पानी आ जाता है। वो भी ऊपर टंकी पर नहीं चढ़ पाता। नीचे ही बर्तनों में भरकर गुजर बसर हो रहा है।
खरीद कर पी रहे पानी क्षेत्रीय निवासी गौरव शर्मा बताते हैं कि 220 फुट पर हो रही बोरिंग फेल हो चुकी हैं। इस लेवल पर भी पानी इतना खारा था कि एक बूंद भी नहीं पीया जा सकता था। ऐसे में पीने का पानी तो खरीदने को मजबूर थे। सबमर्सिबल के पानी का बस रोजमर्रा के घरेलू कायरें में यूज हो रहा था। अब इसका भी साथ छूटने लगा है। ऐसे में लगता है कि घरेलू कायरें के लिए भी खरीदकर पानी लेना पड़ेगा। दूसरी बोरिंग करवाने का भी नहीं ऑप्शनक्षेत्रीय निवासी मनोज शर्मा बताते हैं कि अंडरग्राउंड वॉटर लेवल 200 को क्रॉस कर चुका है। अभी जो कुछ बोरिंग थोड़ा बहुत पानी फेंक रहीं हैं, उसमें नमक की मात्रा इतनी है कि अगर आप किसी बर्तन में भरकर कुछ दिन के लिए रख दें, तो नमक जम जाए। कोई और ऑप्शन नहीं होने के चलते लोग मजबूरन इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, जो शरीर के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो रहा है। ऐसे में इस लेवल से नीचे बोरिंग कराने पर और अधिक खारा पानी मिलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में सिर्फ पाइपलाइन के लिए कोई समस्या का हल नहीं दिखता।