भीषण ठंड में दिल धोखा देने लगा है. जिसके चलते महज पांच दिन में तेरह लोगों की हार्ट अटैक से जान चली गई. यह आंकड़े एमएलएन मेडिकल कॉलेज के कार्डियक विभाग के हैं. यहां पर लगातार भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ठंड में खून की नसें सिकुड़ जाने से हादसों की संख्या बढ़ गई है. डॉक्टर्स का भी कहना है कि दिल के रोगियों को ठंड से बचना होगा. वरना परिणाम गंभीर हो सकते हैं.


प्रयागराज ब्यूरो । वर्तमान में ठंड अपने चरम पर पहुंच रही है। पारा दस डिग्री के नीचे पहुंच चुका है। ऐसे में दिल के रोगियों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकतर रोगियों का ब्लड प्रेशर बढ़ रहा है जिससे नसों में खून का थक्का जमने से हार्ट अटैक के चांसेज बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि लोगों की जान बचाना मुश्किल हो रहा है। इसके चलते महज पांच दिन में 13 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके साथ ठंड से ब्रेन हैमरेज के चांसेज भी बढ़ रहे हैं। दिमाग में खून का संचार बाधित होने से तमाम तरह के विकार सामने आ रहे हैं।ओपीडी से अधिक है आईपीडी


जानकारी के मुताबिक पिछले तीन दिन में तीस नए गंभीर मरीजों को भर्ती किया गया है। ठंड के मौसम में ओपीडी में मरीजों की संख्या कम हुई है लेकिन आईपीडी बढ़ गई है। गंभीर मरीज अधिक संख्या में आ रहे हैं इनमें से कुछ की हालत अधिक नाजुक बताई जा रही है। कुल 34 बेड के वार्ड में सभी बेड फुल बताए जा रहे हैं। मजबूरी में नार्मल हो रहे मरीजों को शिफ्ट किया जा रहा है। ताकि गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा सके।

मार्निंग में निकलने से बचें डॉक्टर्स का कहना है कि दिल के रोगी इस समय अर्ली मार्निंग निकलने से बचे तो बेहतर होगा। क्योंकि ऐसे समय पर हार्ट अटैक पडऩे के चांसेज अधिक होते हैं। कोशिश करें कि धूप निकलने या थोड़ा समय बीतने के बाद घर से बाहर जाएं। डॉक्टर के संपर्क में रहें और दवाएं लेते रहें। अगर सीने में दर्द और भारी पन की शिकायत बनी है तो एक बार ईसीजी जरूर कराएं। ऐसे मिलेगी हार्ट अटैक से निजात- गर्म चीजों का खानपान में सेवन करें।- ठंड में अधिक से अधिक गर्म कपड़े पहनें।- दिल के रोगी हैं तो अपना ब्लड प्रेशर और शुगर चेक करते रहें।- अधिक तनाव लेने से बचें और हरी सब्जियों का अधिक सेवन करें।- योगा और हल्की एक्सरसाइज करने से दिल की बीमारियां दूर रहती हैं।ठंड को देखते हुए कार्डियक विभाग की सुविधाओं को चाक चौबंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। डॉक्टर्स से कहा गया है कि मरीजों के इलाज में कोई लापरवाही नही बरती जाए। अधिक से अधिक मरीजों को ठीक करने की कोशिश की जा रही है।प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज

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