व्यवस्था ऑनलाइन, नोटिस ऑफलाइन
-जीएसटी में की जा रही मनमानी से व्यापारी परेशान
-शो-कॉज नोटिस दिए बगैर हो रहे हैं खाते सीज PRAYAGRAJ: जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश में ऑफलाइन टैक्सेशन सिस्टम को बंदकर सब कुछ ऑनलाइन कर दिया गया है। जीएसटी काउंसिल के नोटिफिकेशन में भी इस बात का जिक्र है। इसके बाद भी जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यापारियों को ऑफलाइन नोटिस भेजी जा रही है। इसको लेकर व्यापारियों में काफी रोष है। नियमों के खिलाफ कामजीएसटी में रजिस्टर्ड व्यापारियों का कहना है कि व्यापारी जब ऑनलाइन सिस्टम फेल होने, पोर्टल काम न करने पर ऑफलाइन टैक्स रिटर्न भरने की व्यवस्था मांग रहा है, तो उसे यह व्यवस्था नहीं दी जा रही है। पोर्टल काम न करने से रिटर्न भरने में देरी होने पर व्यापारियों पर ही पेनल्टी लगा दी जाती है। ऐसे में व्यापारियों को मैनुअल नोटिस भेजने का क्या मतलब है? प्रयागराज में इन दिनों जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यापारियों को टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस के साथ शो-कॉज नोटिस नहीं दिया जा रहा है। बल्कि डायरेक्ट खाते सीज किए जा रहे हैं जो नियम विरुद्ध है।
वर्जनजीएसटी में जब ऑनलाइन सिस्टम लागू किया गया है तो फिर अब मैनुअल नोटिस क्यों भेजी जा रही है? व्यापारी से जब पेनाल्टी लिया जाता है तो फिर जीएसटी काउंसिल ऑफलाइन वर्क क्यों कर रहा है। जब मैनुअल नोटिस दी जा सकती है तो फिर मैनुअल रिटर्न क्यों नहीं भरा जा सकता है।
-संतोष पनामा संयोजक उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार कल्याण समिति