लिखित परीक्षा में सफल, तभी 'वेटेज' का लाभ
68500 सहायक अध्यापक भर्ती मामले में शिक्षामित्रों को झटका
शिक्षा मित्रों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बुधवार को बड़ा झटका मिला। कोर्ट ने 68500 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में भारांक (वेटेज) देने की मांग को लेकर दाखिल शिक्षा मित्रों की विशेष अपील खारिज कर दी है। याचियों का कहना था कि शिक्षा मित्रों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार लिखित परीक्षा में भारांक देकर परिणाम घोषित किया जाय। इसे कोर्ट ने यह कहते हुए मानने से इन्कार कर दिया कि लिखित परीक्षा में पास शिक्षा मित्रों को ही भारांक पाने का अधिकार है। यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवन्त वर्मा की खंडपीठ ने कुलभूषण मिश्र व अन्य की अपील पर दिया है। याची अधिवक्ता का कहना सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों को लगातार दो भर्तियों में भारांक देने का अवसर दिया है ताकि उनका समायोजन हो सके।यह भारांक 22वें संशोधन से लिखित परीक्षा में दिये जाने की व्यवस्था की गयी।
परीक्षा योग्यता नहीं बल्कि शार्ट लिस्टिंग है। ऐसे में वेटेज देकर लिखित परीक्षा परिणाम घोषित किया जाए। अभी भी 20 हजार से अधिक पद खाली हैं शिक्षा मित्रों को भारांक देकर परिणाम घोषित किया जाता है तो चयनित हो चुके लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगाराज्य सरकार के वकील का कथन
लिखित परीक्षा पास करने वालों के आवेदन की समीक्षा कर मेरिट सूची तैयार किये जाने का नियम है
जो परीक्षा में सफल होगा उसे ही भारांक पाने का अधिकार है यह कोई ग्रेस मार्क नहीं है, जिससे फेल को पास किया जा सके न्यूनतम अंक पाने वाल अभ्यर्थियों की सूची तैयार कर शिक्षा मित्रों को भारांक देकर चयन किया जाएगा परीक्षा में सफल अभ्यर्थी को ही भारांक पाने का अधिकार है। अपील खारिज की जाती है। हाई कोर्ट इलाहाबाद