सीआइएस बना आफत, वकील नाराज
तीन सीनियर जस्टिस ने बार से मांगा सहयोग, फरवरी से काम शुरू होने का दिलाया भरोसा
इलाहाबाद हाईकोर्ट में सीआइएस लागू होना वकीलों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। बार एसोसिएशन के पुस्तकालय हॉल में बुधवार को वकीलों की तरफ से आयोजित आम सभा में तीन सीनियर जस्टिस तरुण अग्रवाल, जस्टिस दिलीप गुप्ता तथा जस्टिस कृष्ण मुरारी खुद पहुंचे। उन्होंने आश्वस्त किया कि एक हफ्ते में सारी दिक्कतें दूर हो जाएगी। एक फरवरी से सिस्टम सही तरीके से काम करने लगेगा। 80 फीसदी अपलोडिंग कार्य हो चुका है। इसे पूरे भारत में हाईकोर्टो में लागू किया जा रहा है। इससे देश के किसी कोने से कोर्ट कार्यवाही की सीधी जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। क्या-क्या पेश आ रही हैं दिक्कतें कुछ याचिकाएं दूसरे क्षेत्राधिकार वाली पीठ में पेश हो रही हैवकील की गैर मौजूदगी के बावजूद याचिकाएं सूचीबद्ध करने का आदेश हो रहा है
प्रतिकूल एकपक्षीय आदेश न करने की सहमति के बावजूद वादकारियों की सुनवाई के अधिकार की अनदेखी की जा रही है।
दाखिले के बाद तीसरे दिन सुनवाई के लिए आने वाली याचिकाएं कब कोर्ट में आयेंगी, वकीलों को प्रतिदिन देखना पड़ रहा है। मैसेज भी रात में आ रहा है कि मुकदमा आज कोर्ट में सूचीबद्ध थावेबसाइट पर बाद सूची देखना भी टेढ़ी खीर हो गयी है
रिपोर्टिग में दाखिल मुकदमा कोर्ट में कब सुना जायेगा इसकी जानकारी करना बेहद कठिन हो रहा है निर्धारित तिथि पर याचिकाएं सूचीबद्ध नहीं हो रही है। अव्यवस्था के चलते न्याय व्यवस्था पंगु हो गयी है। वीसी श्रीवास्तव, एडवोकेट जब तक सिस्टम सही ढंग से लागू न हो जाय तब तक पुराने सिस्टम से काम लिया जाय। एएन त्रिपाठी, वरिष्ठ अधिवक्ता 14 जनवरी को दाखिल याचिकाएं कब जिस कोर्ट में सूचीबद्ध होगी पता नहीं चल पा रहा है। अवधेश कुमार श्रीवास्तव, एडवोकेट