Allahabad : ट्रेन में स्मोकिंग बैन है. लेकिन उसके बाद भी स्मोकिंग के शौकीन मानते नहीं हैं. कभी टायलेट का दरवाजा बंद करके तो कभी दरवाजे पर खड़े होकर स्मोकिंग करते हुए मिल ही जाते हैं. अगर आप स्मोकिंग की इस हैबिट के शिकार हैं तो फिर अभी से आदत बदलना शुरू कर दीजिए. वरना ट्रेन में चाहे जहां छुपकर भी आप स्मोकिंग करेंगे कोच में लगा हुआ सायरन बज जाएगा. यानी गुपचुप स्मोकिंग के कोई चांस नहीं बन पाएगा. दरअसल रेलवे ट्रेनों में फायर की घटनाओं को रोकने के लिए फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम लगाने की तैयारी कर चुका है. इस सिस्टम का राजधानी एक्सपे्रस में ट्रायल किया जा रहा है. इस सिस्टम को स्टेपवाइज टे्रनों के कोचेस में लगाया जाएगा.

 

 

Very early warning smoke detection system

रेलवे ने ट्रेनों में लगाने के लिए वेरी अर्ली वार्निंग स्मोक डिटेक्शन सिस्टम (वीईडब्लूएसडी) तैयार किया है। इंडियन रेलवे के डाइरेक्टर पब्लिक रिलेशन अनिल सक्सेना ने बताया कि यह सिस्टम बेहद सेंस्टिव है। मतलब, यह कहीं से निकलने वाले जरा से भी स्मोक को आसानी से डिटेक्ट कर लेगा, इसीलिए इसका नाम वेरी स्मोक डिटेक्शन सिस्टम रखा गया है। पिछले साल कई ट्रेनों में आग लगने की घटनाएं हुई थीं, जिसके बाद रेलवे की विंग आरडीएसओ ने इस सिस्टम पर वर्क करना शुरू किया था। ट्रायल के तौर पर इसको दो राजधानी ट्रेनों के कोच में लगाया जा चुका है। जिसका रिजल्ट पॉजिटिव आया है. 

सायरन बजते ही रुक जाएंगी ट्रेन 

खास बात यह है कि वीईडब्लूएसडी कोई सामान्य स्मोक डिटेक्टर सिस्टम नहीं है। इसमें कई लेवल हैं। इसके तहत यह सिस्टम जितनी तेजी से स्मोक डिटेक्टर करती है उसी लेवल पर जाकर उसका सायरन बजता है। अलार्म के चार स्टेप एलर्ट, एक्शन, फायर-1 व फायर-2 हैं। मानिए, अगर फायर-2 लेवल का स्मोक सिस्टम रिसीव करता है तो फिर इसके एक्टिव होकर बजने से पहले ट्रेन पर आटोमेटिक ब्रेक लग जाएंगे। पैसेंजर्न पैनिक न हों, इसके लिए पहले ट्रेन रुकेगी उसके बाद फिर अलार्म बजना शुरु होगा। शुरुआती चरण में रेलवे एसी कोच में इसको इंस्टाल करने की तैयारी कर रही है. 

तो छोड़ दीजिए इस हैबिट को 

एक्सपर्ट ने बताया कि यह कोच में किसी भी तरह के स्मोक को पहले सक लेता है और फिर उसके लेवल के हिसाब से सिस्टम एक्टिव होकर अलार्म बजता है। इसकी सेस्टिविटी इतनी ज्यादा है कि सिगरेट के धुएं को भी आसानी से खींच लेता है और एक्टिव होकर काम करना शुरू कर देता है। रेलवे ऑफिसर्स का कहना है कि इस सिस्टम के बाद ट्रेन में आग की घटनाओं से होने वाला नुकसान काफी कम हो जाएगा. 


Posted By: Inextlive