सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं के मई में आयोजन का सेशन पर पड़ेगा सीधा असर

prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ: कोरोना महामारी की शुरुआत लास्ट इयर की शुरुआत से हुई थी। ऐसे में 2020 का पूरा एकेडमिक सेशन इससे प्रभावित रहा। इतना ही नहीं 2020 के सेशन पर भी इसका पूरा असर दिखा। कई महीनों तक लॉक डाउन और उसके बाद ऑन लाइन क्लासेस की शुरुआत के बाद सीबीएसई को भी बोर्ड परीक्षा के कोर्स को 30 प्रतिशत तक कम करना पड़ा। जिससे 2021 की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने जा रहे स्टूडेंट्स को सहूलियत हो सके। लेकिन ये उम्मीद थी कि 2021 के नए सेशन में इससे राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। क्योकि 2021 में बोर्ड परीक्षाएं भी इस महामारी के प्रभाव से नहीं बच सकी। यहीं कारण था कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने सीबीएसई की 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं मई में कराने का निर्णय लिया।

अगस्त में ही शुरु हो सकेगा 11वीं की क्लासेस

बोर्ड परीक्षा में देरी का असर सबसे अधिक 11वीं में दाखिले और उसकी क्लासेस पर पड़ेगा। ऐसे में प्रिंसिपल भी उम्मीद जता रहे है कि 2021 में भी ऐकेडमिक सेशन कोरोना महामारी के प्रभाव से नहीं बच सकेगा। सिटी के विभिन्न स्कूलों के प्रिंसिपल से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि बोर्ड परीक्षाओं में देरी से सबसे अधिक असर 11वीें के एडमिशन और क्लासेस पर पड़ेगा। क्योकि जुलाई तक रिजल्ट आएंगे। ऐसे में एडमिशन की प्रक्रिया में ही काफी समय खराब होगा। जिसके कारण 11वीं में क्लासेस का संचालन अगर सब कुछ ठीक रहा तो भी अगस्त के पहले नहीं हो सकेगा।

बदलना पड़ रहा शेड्यूल

सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं मई में होन की घोषणा के बाद सिटी के स्कूलों को अपना शेड्यूल भी बदलना पड़ रहा है। एमपीवीएम की प्रिंसिपल सुष्मिता कानूनगो ने बताया कि पहले बोर्ड परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के दूसरे प्री बोर्ड के लिए 15 जनवरी से शेड्यूल किया गया था। लेकिन जब परीक्षाएं मई में होगी, तो उसका शेड्यूल भी बदलकर मार्च के आखिरी या अप्रैल के शुरुआती दिनों में करना होगा। क्योकि अगर अभी सेकेंड प्री बोर्ड करवाया गया तो बच्चें मई तक काफी चीजें छोड़ सकते है। ऐसे में परीक्षा से ठीक पहले ही प्री बोर्ड कराने से बच्चों की तैयारी बेहतर हो सकती है।

Posted By: Inextlive