द अवॉर्ड गोज टू..
रुढि़यां तोड़ समाज बदलने वाले दंपति होंगे पुरस्कृत, देश के आठ राज्यों में परियोजना की शुरुआत
-सही उम्र में शादी व दो बच्चों के जन्म के बीच अंतर अपनाने वाले होंगे चिन्हित ALLAHABAD: समाज की रुढि़वादी व्यवस्था के उलट परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण के संदेश को साकार करने वाले जोड़े सम्मानित किए जाएंगे। सरकार ऐसी दंपतियों को प्रेरणा परियोजना के तहत पुरस्कृत करेगी। यह अभियान देश के आठ राज्यों में शुरू किया गया है जिसमें यूपी भी शामिल है। बता दें कि सिफ्सा को जनसंख्या स्थिरता कोष की समस्त परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए राज्य नोडल एजेंसी नामित किया गया है। ताकि पिछड़ी न रहे सोचइस योजना को चलाने के पीछे सरकार की योजना नव दंपतियों को सामाजिक पिछड़ी सोच से निजात दिलाना है। आमतौर पर देखा जाता है कि शादी के तुरंत बाद जोड़ों से बच्चों की अपेक्षा की जाने लगती है। दो बच्चों के बीच भी अधिक अंतर नहीं होता। इससे सरकार की जनसंख्या स्थिरता की सोच को विराम लग रहा है। यही कारण है कि इन वर्जनाओं के विपरीत चलने वाले जोड़ों को सरकार सम्मानित करने जा रही है।
इन राज्यों में शुरू हुई योजना उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और उड़ीसा। इनको मिलेगा पुरस्कार-महिला का विवाह वर्ष 2011 से पूर्व नहीं होना चाहिए।
-महिला का विवाह 19 वर्ष या उसके उपरान्त ही होना चाहिए। -पहले बच्चे का जन्म विवाह के दो वर्ष बाद हुआ हो। दूसरे बच्चे का जन्म पहले बच्चे के जन्म के तीन साल बाद होना चाहिए। -दूसरे बच्चे के जन्म के बाद अथवा एक साल के बीच दंपति द्वारा परिवार नियोजन की स्थायी विधि को अपना लिया गया हो। किसको कितना मिलेगा पुरस्कार -पहला बच्चा लड़का होने पर 10 हजार। -पहला बच्चा लड़की होने पर 12 हजार। -दोनों बच्चे लड़के हों तो 15 हजार। -दोनों बच्चे लड़की हों तो 19 हजार। अकाउंट में आएगी रकम प्रेरणा परियोजना के तहत सभी जरूरी दस्तावेज जमा करने के बाद लाभार्थियों को पुरस्कार की राशि उनके आधार कार्ड से लिंक खाते में सीधे भेज दी जाएगी। यह योजना परिवार नियोजन के क्षेत्र की एक अनूठी योजना साबित होगी। इससे परिवार को नियोजित करने के कार्यक्रम को बल मिलेगा। दंपतियों के चयन के लिए टीम जुट गई है। हमारी सोसायटी फैली रुढि़वादिता को खत्म करने के लिए ऐसी योजनाओं का संचालन किया जाना चाहिए। -वीके सिंह, डीपीएम, एनएचएम