माफिया अतीक अहमद के हर गुनाह से खान शौलत हनीफ और दिनेश पासी वाकिफ थे. इसीलिए अतीक दोनों पर आंखें मंूद कर विश्वास करता था.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। दिनेश पासी को अतीक ने अपना मैसेंजर बनाया था तो पुलिस से बचने की अभेद्य ढाल खान शौलत हनीफ तैयार करता था। मंगलवार को उमेश पाल अपहरण कांड में कोर्ट ने इन दोनों को भी दोषी करार देते हुए अजीवन कारावास की सजा सुना दी है। यह फैसला आते ही दोनों अपने आपको निर्दोष बताते हुये नजर आए।

हर हुक्म का करता था पालन
माफिया अतीक अहमद की क्राइम हिस्ट्री बहुत लंबी है। यह बात किसी से छिपी नहीं है। अतीक पर सौ से अधिक अपराधिक मुकदमे हैं। यह वे मुकदमे हैं जो रिकॉर्ड पर आये हैं। इसके अलावा न जाने कितने अपराध को उसने अंजाम दिया जो रिकॉर्ड पर ही नहीं आया। सूत्र बताते हैं कि अतीक के ज्यादातर जुर्म से दिनेश पासी वाकिफ है। दिनेश पासी, अतीक के साथ साए की तरह रहता था। अतीक जो भी हुक्म देता उसकी तामील करने के लिए जान लगा देता। दिनेश पानी ही वह शख्य था, जो कि अतीक के हर मैसेज को अन्य लोगों के पास पहुंचाता था। यही करण है कि दिनेश को अतीक का मैसेंजर कहा जाता है। वह शहर पश्चिमी की मुखबिरी तक अतीक एंड कंपनी के लिए करता था। उसे राजनीति का बहुत शौक था। इसलिए जैसे-जैसे अतीक ने राजनीति में कदम बढ़ाया, दिनेश पासी भी उसके साथ पीछे आता गया। अतीक ने दिनेश को राजनीति में भी आगे बढ़ाने का काम किया। साल 2004 में उसने पार्षद का चुनाव लड़ा और जीता था।

दूसरी बार में फंस गया दिनेश
सूत्रों की माने तो राजूपाल हत्याकांड में दिनेश पासी का भी नाम सामने आया था। हालांकि दिनेश पासी हत्या के आरोपों से हमेशा इनकार करता रहा। बाद में जब सीबीआई की जांच बैठी तो उसमें ये बात साबित भी हुई कि दिनेश पासी इस मर्डर केस से जुड़ा नहीं था। लेकिन, राजू पाल हत्याकांड में जब उमेश पाल का अपहरण हुआ तो दिनेश पासी इस बार फंस गया। आरोप लगे कि दिनेश के घर ही अपराधियों की बैठकी लगती थी। उसी ने मुखबिरी कर उमेश का लोकेशन बताया, जिसके बाद उमेश की गाड़ी रोक कर अपहरण किया गया।

कानूनी मदद के साथ अपराधिक मदद का आरोप
शौलत हनीफ पेशे से अधिवक्ता है और वह हाईकोर्ट में वकालत करता था। हनीफ को अतीक अहमद के कानूनी सलाहकार के रूप में जाना जाता है। बताया जाता है कि अतीक को कानूनी की ज्यादा समझ नहीं थी। इसके लिए उसे एक ऐसे शख्य की तलाश थी कि जो कि उसे अपराध करने के बाद पुलिस के शिकंजे से बचा सके। अतीक की तलाश शौलत हनीफ पर जाकर पूरी हुई। ऐसा कहा जाता है कि अपराध करने के बाद अतीक शौलत के पास जाता और पुलिस की कार्रवाई से कैसे बचा जाए, उसके उपायों के बारे में जानकारी लेता। सूत्र बताते हैं कि कानूनी मदद के साथ अपराधिक मदद भी करता था।

जफर इस्लाम के साथ कनेक्शन समझें
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक के करीब जफर इस्लाम का नाम भी सामने आया है। इसके बाद प्रयागराज प्रशासन ने जफर अहमद के घर पर बुलडोजर चला दिया था। जफर की बहन तस्लीम हबीब का शौलत हनीफ पति है। उमेश पाल अपहरण केस में शौलत हनीफ का भी नाम सामने आया। आरोप लगा कि हनीफ ने अतीक को मदद पहुंचाई। वहीं, उमेश की हत्या के बाद से जफर फरार हो गया था।

Posted By: Inextlive