नहीं हुए एलर्ट तो फेफड़े का निकलेगा दम, लगातार तीसरे दिन भी जाम में हांफता रहा शहर

ALLAHABAD: सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कुछ महीने पहले सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में इलाहाबाद को दूसरे नंबर पर र2ा था तो शहर हल्ला मच गया था। लेकिन आज की स्थिति ये हैं कि आप शहर के किसी 5ाी इलाके में मास्क लगाए बगैर नहीं घूम सकते। यदि ऐसा किया तो फिर आपके फेफड़ों की किसी 5ाी दशा के लिए आप स्वयं जि6मेदार होंगे। यह सलाह हम नहीं बल्कि इस समय शहर के डॉ1टर अपने पेशेंट को दे रहे हैं। डॉ1टर अपने हर पेशेंट को घर से निकलते समय गीला रूमाल बांधने या मास्क लगाने की सलाह दे रहे हैं। इसका कारण शहर में डेवलपमेंट के नाम पर चल रहे कार्यो की वजह से उड़ रही धूल और कंकड़-पत्थर हैं। यही कारण है कि इस समय शहर में अधिकतर मास्क लगाए हुए नजर आ रहे हैं।

चारों तरफ है धूल का गुबार

शहर में कहीं सीवर लाइन के लिए सड़क 2ाोदी जा रही है तो कहीं 3लाईओवर बनाने का काम चल रहा है। कहीं पाइप लाइन बिछाई जा रही है तो कहीं रेलवे लाइन डबलिंग का काम शुरू हो गया है। इसकी वजह से हवा में पीएम-10 के साथ ही पीएम 2.5 की मात्रा 5ाी बढ़ गई है। लेकिन ये 5ाी सच है कि शहर में अचानक बढ़े इस पर्यावरण प्रदूषण से अ5ाी करीब एक साल तक लोगों को राहत मिलने वाली नहीं है। 1योंकि कुं5ा मेला 2019 के मद्देनजर शहर में चारों तरफ डेवलपमेंट वर्क कराए जा रहे हैं। अ5ाी कुछ और काम प्रस्तावित हैं जो शुरू होने हैं।

2ातरनाक है इलाहाबाद की हवा

- हवा में पीएम 10 की अधिकतम मात्रा 100 और पीएम 2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति 1यूबिक मीटर होनी चाहिए

- इलाहाबाद में पीएम 10 की मात्रा 320 माइक्रोग्राम प्रति 1यूबिक और पीएम 2.5 की मात्रा 190 माइक्रोग्राम प्रति 1यूबिक दर्ज की गई है

- धूल और गंदगी के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है

- डॉ1टर इसके लिए प्रमु2ा कारण वायु प्रदूषण को बता रहे हैं

- धूल और धुआं के कारण सांस के रास्ते विषाणु शरीर के अंदर प्रवेश करते हैं

- इससे श्वांस नलियों में सूजन के साथ ही सिकुड़न आ जाती है

- शहर में बढ़ रहे हैं सांस के मरीज

नगर आयुक्त ने गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई को लिखा लेटर

गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई द्वारा शहर में जगह-जगह सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू किए जाने और मु2य रोड के साथ ही स4स्टीट्यूट रोड को 5ाी डिस्टर्ब किए जाने से नाराज नगर आयु1त हरिकेश चौरसिया ने लेटर लि2ा कर व्यवस्था में सुधार का निर्देश दिया है। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारियों को लि2ो गए पत्र में कहा गया है कि सीवर लाइन बिछाने का काम कराया जाए, लेकिन शहर की ट्रैफिक व्यवस्था का 5ाी पूरा ध्यान र2ा जाए।

पॉल्यूशन लेवल बढ़ने से सांस की परेशानी बढ़ती है। एयर 1वालिटी इंडे1स गड़बड़ होने से सांस लेने में दिक्कत हो जाती है। इस मौसम में वैसे सांस की दिक्कत नहीं होती है, लेकिन पॉल्यूशन लेवल बढ़ने की वजह से लोगों को दिक्कत हो रही है।

डा। आशुतोष गुप्ता, चेस्ट रोग विशेषज्ञ

बॉ1स

इन बातों का र2ों 2ास ध्यान

- बाइक से निकल रहे हैं तो धूल से बचने के लिए मुंह पर गीला रुमाल बांधे या मास्क लगाकर निकलें

- जो लोग अस्थमा पीडि़त हैं, उन्हें बाहर निकलने से बचना चाहिए

- जहां कंस्ट्र1शन चल रहा है उस एरिया में जाने से बचें

- एयर 1वालिटी इंडे1स अगर 100 के उपर है तो बड़े-बूढ़ों के लिए 2ातरनाक है।

जाम ने शहर की हालत पहले ही बिगाड़ र2ाी थी। अब जगह-जगह हो रहे काम की वजह से पूरा शहर परेशान है। चौक में दुकान है, जहां दिन 5ार बैठने के बाद पहले से ज्यादा थकान लगती है। 1योंकि वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण सब कुछ बढ़ गया है।

नीरज गुप्ता

धूल और गंदगी की वजह से स्थिति ये होती जा रही है कि थोड़ी देर बाइक चलाने के बाद अब झुंझलाहट सी होती है। 1योंकि एक तरफ जाम का झाम, दूसरी तरफ धूल और गंदगी।

राजीव अग्रवाल

शहर में पॉल्यूशन लेवल किस पोजिशन में है, यह जानने के लिए सबसे आसान तरीका है। सफेद रूमाल लें और उसे गीला करके मुंह पर बांध कर बाइक चलाएं। स्थिति अपने आप सामने आ जाएगी।

अजय केसरवानी

वाहनों के कारण लगातार बढ़ रहे प्रदूषण से इलाहाबाद के लोग पहले से परेशान थे। अब चारों तरफ हो रहे काम की वजह से समस्या और बढ़ गई है।

संजीव

पॉल्यूशन लेवल बढ़ने के एक नहीं बल्कि कई कारण हैं। ये बात सही है कि शहर में हो रहे डेवलपमेंट वर्क की वजह से धूल और गंदगी की अधिकता हो गई है। इससे बचने का उपाय करना जरूरी है।

लालू मित्तल

Posted By: Inextlive