'झूठ के चेहरे से पर्दा हटाने आई हूं'
-एयरपोर्ट पर हिंदी पखवाड़ा के समापन पर आयोजित हुआ कवि सम्मेलन
prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण प्रयागराज की ओर से सोमवार को हिंदी पखवाड़े के समापन अवसर पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें शामिल रचनाकारों ने अपनी रचनाओं से सभी को वाह-वाह करने पर मजबूर कर दिया। चीफ गेस्ट एयरपोर्ट डायरेक्टर सुनील यादव ने हिंदी की उपयोगिता पर बल देते हुए कहा कि रचनाकारों की रचनाधर्मिता से देश की दिशा और दशा में परिवर्तन आता है। संचालन गीतकार शैलेंद्र मधुर ने किया। राजभाषा अधिकारी श्याम कार्तिक सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। एयरपोर्ट डायरेक्टर सुनील यादव ने सभी रचनाकारों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इन पंक्तियों से लूटी महफिल 'जिंदगी में कभी वो वक्त भी आया होगा, किसी चेहरे ने तुम्हें खूब लुभाया होगा.' -कवि देवकांत पांडे 'गुल कली आइना कुछ भी देखो, सब में सूरत मेरी ही मिलेगी.' -प्रीता बाजपेई'झूठ के चेहरे से पर्दा हटाने आई हूं,
आज मैं सच को भी दर्पण दिखाने आई हूं, हर अंधेरे को चुनौती है आज आभा की, मैं अंधेरे का हर एक सच बताने आई हूं.' -कवियित्री आभा श्रीवास्तव 'नहीं झांकते तुम गिरेबां में अपने वजह है यही जो हुए ना हमारे नहीं मिल सकी महफिलों में जगह तोलिए हाथ पत्थर खड़े हैं किनारे.'
-शैलेंद्र मधुर, गीतकार 'घर में महाभारत मेरे बेटों ने रच दिया मैं जिंदगी भर रामकथा बांचता रहा.' -कवि राधेश्याम भारती 'याद आते हैं तेरे साथ बिताए लम्हें जब भी बरसात में सावन की झड़ी लगती है। -शायर अख्तर अजीज