ALLAHABAD: शाम के छह बज रहे थे. राहुल के पैरेंट्स उसके घर लौटने का इंतजार कर रहे थे. मां राहुल के पिता को कोस रही थी कि उन्होंने राहुल को क्यों डांटा. राहुल तो घर नहीं पहुंचा लेकिन इसी दौरान उसके मोबाइल से एक मैसेज पिता के मोबाइल पर जरूर आया. मैसेज का डिटेल पढऩे के बाद परिवारवालों का माथा घूम गया. सबके चेहरे की रंगत तेजी से बदलने लगी. मैसेज में राहुल के किडनैप कर लिए जाने की जानकारी थी. वार्निंग दी गई थी कि पुलिस को बताया गया तो राहुल नहीं बचेगा.


धमकी भरा SMSएसएमएस पढऩे के बाद पिता विनोद ने राहुल के मोबाइल पर कॉल किया। लेकिन, फोन रिसीव नहीं हुई। इसे परेशान फैमिली मेम्बर्स यह तय नहीं कर पा रहे थे कि क्या करें। पुलिस को बताएं या खुद ही कुछ करें। तभी एक और एसएमएस आ गया, जिसमें  तीन लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी। शाम ढल चुकी था। राहुल के फैमिली मेम्बर्स ने तय किया कि बिना पुलिस की मदद के वे कोई कदम नहीं उठाएंगे। पुलिस को पूरी घटना बताई
विनोद ने शिवकुटी एसओ प्रमोद सिंह से सम्पर्क साधा और पूरी घटना बताई। इस पर प्रमोद ने राहुल का नंबर सर्विलांस पर लेकर लोकेशन ट्रेस करनी शुरू कर दी। मामला संगीन था। राहुल दो दिन से लापता था। इसी बीच आया था फिरौती के लिए एसएमएस। एसओजी ने डीआईजी प्रकाश डी को इसकी जानकारी दी तो उन्होंने एसओजी, सर्विलांस, शिवकुटी एसओ, कोतवाली एसआई सुरेश सैनी और सिविल लाइंस चौकी इंचार्ज संतोष सिंह को लगा दिया। सर्विलांस टीम के ओम नारायण की मेहनत रंग लाई। राहुल की मौजूदगी का लोकेशन फाफामऊ पुल के आसपास का एरिया ट्रेस हो गया। छह घंटे तक चला ऑपरेशन


शिवकुटी एसओ और एसओजी प्रभारी ने टीम बनाकर संडे की नाइट आठ बजे से सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस टीम के लिए एग्जैक्ट लोकेशन ट्रेस करना बड़ा चैलेंज था। फाफामऊ पुल के आसपास, झाडिय़ों, गुमटियों और लॉज के अंदर पुलिस की टीम शक के आधार पर अत्याधुनिक वेंपस से साथ लग गई। रात के बारह बज चुके थे। लेकिन, राहुल के बारे में पता नहीं चला। मिड नाइट के बाद सर्विलांस टीम ने कन्फर्म कर दिया कि राहुल फाफामऊ रेलवे पुल पर ही है। रात के अंधेरे में उसे देख पाना कठिन था। दूसरी पुलिस की टीम आगे बढ़ीएसओजी की एक टीम तेलियरगंज से और दूसरी पुलिस की टीम फाफामऊ साइड से राहुल की तलाश में आगे बढ़ी। कड़ी मशक्कत के बाद रात के दो बजे पुलिस ने फाफामऊ रेलवे पुल से राहुल को पकड़ लिया। राहुल ओवर ब्रिज के बीच में बने रेलिंग में छिप कर बैठा था। इस ऑपरेशन में एसआई अजय सिंह, एसओजी प्रभारी मनोज रघुवंशी, एसआई राकेश ंिसह, शिवकुटी एसओ प्रमोद सिंह, कांस्टेबल हरिशंकर मिश्र, सिविल लाइंस चौकी इंचार्ज और बादशाही मंडी चौकी इंचार्ज सुरेश सैनी का विशेष योगदान था। तो यह था कारण

रात के दो बजे राहुल को सही सलामत बचाने के बाद पुलिस टीम हैरान रह गई। उसके लिए यकीन करना मुश्किल था कि राहुल ने खुद ही किडनैपिंग का ड्रामा रचा था। पुलिस ने राहुल से इसका कारण पूछा तो उसने बताया कि 23 मार्च को उसने अपने पापा के एटीएम कार्ड को चुराकर 500 रुपए निकाले थे। इसकी जानकारी उसके पिता को हुई तो उन्होंने उसे जमकर डांट पिला दी। राहुल ने कहा कि वह इसी के चलते आक्रोश में घर से निकल गया। लखनऊ तक गया थाबतौर राहुल वह 23-24 की रात तीन बजे फाफामऊ पुल पर पहुंचा था। यहां से उसने लखनऊ जाने वाली गाड़ी पकड़ ली। एक दिन वह लखनऊ में रहा। यहां आने का मकसद समझ में नहीं आया तो अगले दिन वह वापस इलाहाबाद लौट आया। राहुल का प्लान था कि पिता से पैसे लेकर वह कहीं भाग जाएगा। इसीलिए उसने 25 मार्च की शाम छह बजे फिरौती मांगने के लिए एसएमएस भेजा। पुलिस ने दिलवाया एग्जाम
शिवकुटी एसओ प्रमोद कुमार ने बताया कि संडे की लेट नाइट तीन बजे वह राहुल को लेकर थाने पहुंचे। उसे आराम करने के लिए छोड़ दिया गया। पिता ने बताया कि मंडे को उसका हाई स्कूल का एग्जाम है। सुबह होते ही उसने ब्रेक फास्ट किया और फिर पुलिस ने उसे एग्जाम देने के लिए स्कूल भेज दिया। एग्जाम देकर लौटने के बाद पुलिस ने इस पूरे मामले का खुलासा किया।

Posted By: Inextlive