डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में वादकारी से मार-पीट व पीठासीन अधिकारी को भयभीत करने पर सख्ती हाईकोर्ट ने दो वकीलों रणविजय सिंह व मोहम्मद आसिफ को जारी की नोटिस दोनों वकीलों के कोर्ट परिसर में प्रवेश पर लगाई रोक जिला जज से अन्य वकीलों की मांगी रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर से अदालत की सुरक्षा व्यवस्था पर रिपोर्ट तलब

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला अदालत प्रयागराज में वकीलों के झुंड द्वारा न्याय कक्ष व जज चेंबर में घुसकर वादकारियों से मार-पीट करने व जज से दुव्र्यवहार करने को प्रथमदृष्टया आपराधिक अवमानना करार दिया है। हाई कोर्ट ने दो वकीलों रणविजय सिंह व मोहम्मद आसिफ को नोटिस जारी कर सफाई मांगी है कि क्यों न उन्हें आपराधिक अवमानना करने के लिए दंडित करने की कार्यवाही की जाय। उधर, जिला अधिवक्ता संघ ने इस प्रकरण में तीन अधिवक्ताओं की मेंबरशिप समाप्त कर दी है।

सीसीटीवी फुटेज से चिन्हित होंगे बाकी आरोपित
कोर्ट ने इन दोनों वकीलों के जिला अदालत परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी है और जिला जज से घटना की सीसीटीवी फुटेज देखकर अवमानना करने वाले अन्य वकीलों की संलिप्तता पर रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से अदालत परिसर की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.और कहा है कि जिला जज के निर्देशानुसार पुलिस बल मुहैया कराये। यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस एमएएच इदरीसी की बेंच ने जिला जज द्वारा पीठासीन अधिकारी की रिपोर्ट पर संदर्भित अवमानना रिफरेंस की सुनवाई करते हुए दिया है।

दम्पति आए थे पेशी पर
बता दें कि प्रयागराज जिला अदालत मे मुलायम सिंह बनाम तरसू लाल केस की सुनवाई चल रही थी कि रणविजय सिंह जो अधिवक्ता है भीड़ के साथ कोर्ट रूम में आये और पीठासीन अधिकारी पर रणविजय सिंह व अन्य बनाम खुर्शीद अहमद व अन्य केस की तत्काल सुनवाई का दबाव डाला और वादकारी मोनीस परवेज व उनकी बीबी से मार-पीट की। वे बचाव में पीठासीन अधिकारी के चेम्बर में गये तो वहा भी मारा पीटा। पीठासीन अधिकारी ने वहां से निकल कर सीजेएम के चेंबर में जा अपनी जान बचाई। कहा उनके जीवन को भय है। एसीपी/एसएचओ को सूचित किया गया। जब पुलिस आई तब पीठासीन अधिकारी अपने चेंबर में जा सकी। उन्होंने कोर्ट रूम में हुई इस घटना की डिटेल रिपोर्ट जिला जज को प्रेषित कर दी। जिसे जिला जज ने हाईकोर्ट को प्रेषित किया और कार्यवाही की शिफारिश की। जिसपर कोर्ट ने अवमानना केस दर्ज कर यह आदेश दिया है।

डिस्ट्रिक्ट बार भी सख्त
जिला न्यायालय में सोमवार को हुई शर्मनाक घटना के आरोपित अधिवक्ताओं की जिला अधिवक्ता संघ ने सदस्यता समाप्त कर दी है। सीनियर डिवीजन के न्यायिक कक्ष में मुकदमे की तुरंत सुनवाई का दबाव बनाने के लिए जज से अभद्र व्यवहार व जज के सामने चेंबर से घसीटकर वादकारी को बेरहमी से मारने पीटने वाले वकीलों के विरुद्ध देर रात कर्नलगंज थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जिला अधिवक्ता संघ के मंत्री दिनेश चंद्र पांडेय ने बताया कि सीनियर डिवीजन जज की ओर से प्राप्त प्रार्थना पत्र के सापेक्ष में बुधवार को संघ की बैठक बुलाई गई। इसमें निर्णय लिया गया कि यह अधिवक्ता अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत एवं संघ के मर्यादा के खिलाफ है। इस घटना से संपूर्ण अधिवक्ता समाज पर प्रश्नचिह्न है। कोर्ट रूम के अंदर वादकारी से मारपीट, जज के साथ अभद्र व्यवहार, न्यायिक कार्य को बाधित करना अत्यंत दुष्कर एवं अक्षम्य अपराध है। घटना में आरोपित अधिवक्ता रणविजय सिंह, मोहम्मद आसिफ, महताब व आफताब की जिला अधिवक्ता संघ की सदस्यता समाप्त तत्काल कर दी गई है।

हत्या तक हो चुकी है कोर्ट प्रिमाइस में
बता दें कि डिस्ट्रिक्ट कोर्ट प्रिमाइस में एक अधिवक्ता की हत्या तक हो चुकी है। यह गोली दरोगा से चली थी। आरोप था कि अधिवक्ता उन पर दबाव बना रहे थे। वह कोर्ट प्रिमाइस में पहुंचे तो उन्हें घेर लिया गया। इसी चक्कर में दरोगा की लाइसेंसी पिस्टल से गोली चल गयी। गोली लगने से अधिवक्ता नबी की मौत हो गयी थी। इस घटना में आरोपित दरोगा को सालों जेल में बिताना पड़ गया क्योंकि वकीलों की तरफ से इस केस में दरोगा की पैरवी करने से इंकार कर दिया गया था। इस प्रकरण की खास बात यह थी कि यह कोर्ट प्रिमाइस के बाहर हुई घटना थी। सोमवार को हुई घटना कोर्ट प्रिमाइस के भीतर हुई थी। तब अधिवक्ता समाज अपने साथी नबी के दर्द में शामिल था तो इस बार डिस्ट्रिक्ट बार ने दूसरे ही अपने तीन साथियों की सदस्यता बर्खास्त कर दी।

Posted By: Inextlive