मेटॉर करेंगे मॉनिटरिंग, वार्डेन रहेंगे फ्रेशर्स के साथ
एमएलएन मेडिकल कॉलेज में लागू की गयी नयी व्यवस्था
vineet.tiwari@inext.co.in PRAYAGRAJ: पिछले साल रैगिंग को लेकर हुई बदनामी से निबटने के लिए एमएलएन मेडिकल कॉलेज ने शुरुआत में ही इससे बचने का तरीका खोज लिया है। फ्रेशर्स और सीनियर्स के बीच कोआर्डिनेशन और हेल्दी एटमॉस्फियर क्रिएट करने के लिए पहली बार मेंटॉर एप्वाइंट किए गए हैं। इनमें टीचर्स और जूनियर डॉक्टर्स को शामिल किया गया है। दस-दस के गु्रप में हुए अपॉइंट एमबीबीएस में 200 सीटों पर एडमिशन किया गया है। प्रत्येक दस छात्रों के ग्रुप में एक मेंटॉर होगा। एक अगस्त से एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की क्लासेज शुरू होंगी गर्ल्स के लिए सेपरेट अरेंजमेंट गर्ल्स और ब्वॉयज के लिए सेपरेट एंटी रैगिंग स्क्वॉड बनाया गया है। इनमें कुल 15 मेंबर्स हैं। स्क्वॉड का नेतृत्व चीफ वार्डेन डॉ। देवाशीष शर्मा को सौंपा गया है।रैगिंग की शिकायत पर अर्थदंड के साथ छह माह का निष्कासन होगा।
उन्हें एग्जाम में शामिल भी नहीं होने दिया जाएगा। यह स्क्वॉड दिन के साथ रात में भी कैंपस में गश्त करेगा। मेल स्क्वॉड -डॉ। देवाशीष शर्मा -डा। दिलीप चौरसिया -डॉ। मोहित जैन -डॉ। सचिन जैन -डॉ। आरबी कमल -डॉ। संतोष कुमार -डॉ। आफताब अहमद -डॉ। राजेश कुमार राय -डॉ। बादल सिंह -डॉ। संतोष सिंहफीमेल स्क्वॉड
रैगिंग पर लगाम लगाने के लिए मेंटॉर तैनात किए गए हैं। एंटी रैगिंग स्क्वॉड का गठन कर हॉस्टल्स पर नजर रखने के लिए कहा गया है। एक वार्डन की ब्वॉयज हास्टल में परमानेंट तैनाती की गई है।-डॉ। वत्सला मिश्रा
-डॉ। बीनू -डॉ। कविता चावला -डॉ। राधा केसरवानी -डॉ। निष्ठा सिंह -डॉ। कृष्णा तिवारी एंटी रैगिंग कॉलिंग नंबर- 0532-2256507 टोल फ्री नंबर- 0532- 2256190 बॉक्स फर्स्ट ईयर के साथ रहेंगे वार्डन पहली बार होगा कि हॉस्टल में फर्स्ट ईयर विंग में एक वार्डन को तैनात किया गया है। फिजियोलोजी विभाग के डॉ। इनाम अहमद मेल विंग के वार्डन होंगे। इसी तरह डॉ। नीलम, डॉ। अपराजिता, डॉ। कचनार वर्मा, डॉ। अर्चना कौल आदि को महिला हॉस्टल का वार्डन एप्वॉइंट किया गया है। बॉक्स लास्ट ईयर हुआ था हंगामा रैंिगंग को लेकर लास्ट ईयर मेडिकल कॉलेज कैंपस में हंगामा हुआ था। सीनियर्स पर फ्रेशर्स के बाल कटवाने के आरोप लगे थे। साथ ही रैगिंग से प्रभावित ड्रेस कोड भी पहनाने का आरोप सीनियर्स पर लगाया गया था। सेकंड अैार थर्ड ईयर की स्टूडेंट्स पर फ्रेशर गर्ल्स को एक चोटी बांधने के लिए मजबूर करने की बात कही गई थी। मामला इतना बढ़ा कि शासन स्तर पर जांच बैठानी पड़ गयी।-प्रो। एसपी सिंह,
प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज