आठ दिन, 1200 नाव और 28000 लंच पैकेट
- बाढ़ पीडि़तों की जमकर हुई आवाभगत, प्रशासन ने तैयार किया खाका
-17 सितंबर से शुरू हो गया था रेस्क्यू अभियान PRAYAGRAJ: इस बार बाढ़ में प्रशासन ने पीडि़तों का खूब ख्याल रखा, ऐसा अधिकारियों का दावा है। उनका कहना है कि दो टाइम खाना और दो बार नाश्ता वितरित किया गया। आठ दिन तक राहत शिविरों में खातिरदारी के बाद सभी को विदाई में राहत सामग्री भी वितरित की गई। किसी को भी निराश नहीं लौटना पड़ा। यहां तक कि जानवरों के भूसे का भी पूरा ख्याल रखा गया। शिविरों में ही बांटी गई राहत सामग्रीऐसा पहली बार था जब राहत सामग्री शिविरों में ही बांट दी गई। पिछली बाढ़ तक यह सामग्री बाढ़ हटने के कई सप्ताह बाद वितरित की जाती रही है। इसको लेकर काफी विवाद की स्थिति भी बनती रही है। जानकारी के मुताबिक इस बार राहत सामग्री के कुल 2000 पैकेट मंगवाए गए थे जिसमें से 1500 पैकेट का वितरण किया गया है। एक परिवार को एक पैकेट दिया गया है। इनमें आटा, दाल, चावल, चना, रिफाइंड तेल के अलावा कई चीज शामिल थीं।
पानी से अधिक बांटा गया केरोसिनराहत शिविरों में लोगों को केरोसिन भी खूब बांटे गए। जानकारी के मुताबिक आठ दिन के भीतर पीडि़तों को 22110 लीटर केरोसिन का वितरण किया गया है। इसके अलावा जानवरों को भूसा और नाव उपलब्ध कराई गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि प्रत्येक क्षेत्र में नाव की उपलब्धता थी। बुधवार को सदर के कुछ क्षेत्रों सहित फूलपुर में नाव चलाई गई। बाकी सभी जगह संचालन बंद कर दिया गया था। इसी तरह 28 हजार से अधिक लंच पैकेट आठ दिनों के भीतर वितरित किए गए हैं।
इतना किया गया वितरण डेट नाव की संख्या खाने के पैकेट केरोसिन लीटर में 17 सितंबर 45 1474 18 सितंबर 119 1836 19 सितंबर 128 2123 2915 20 सितंबर 177 3995 314521 सितंबर 200 4490 3500
22 सितंबर 214 5159 4475 23 सितंबर 214 5121 5525 24 सितंबर 167 4250 2550 कुल वितरण 1264 28428 22110 बाद में वितरण के बजाय इस बार राहत शिविरों में लंच पैकेट बांटे गए हैं। इस बार हमारी ओर से शिविरों में भोजन और नाश्ते का मेन्यू तय किया गया था। बच्चों को दूध का वितरण भी किया गया है। पीडि़तों के लिए कोई कसर नही छोड़ी गई। -भानुचंद्र गोस्वामी, डीएम प्रयागराज